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मरणोपरांत 10 वर्षीय पुत्र के कराए नेत्रदान

शहर के थांई मोहल्ला निवासी गिरीश गोयल ने धैर्य व साहस का परिचय देते हुए अपने 10 वर्षीय पुत्र ध्रुव के आकस्मिक निधन के बाद उनके नेत्रदान करा दिए

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 05:35 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 05:35 PM (IST)
मरणोपरांत 10 वर्षीय पुत्र के कराए नेत्रदान
मरणोपरांत 10 वर्षीय पुत्र के कराए नेत्रदान

जागरण संवाददाता, पलवल : शहर के थांई मोहल्ला निवासी गिरीश गोयल ने धैर्य व साहस का परिचय देते हुए अपने 10 वर्षीय पुत्र ध्रुव के आकस्मिक निधन के बाद उनके नेत्रदान करा दिए। अनायास ही काल के गाल में समा गए ध्रुव के दोनों नेत्र अब गुरुग्राम व भिवानी के दो नेत्रहीन लोगों को रोशनी देंगे। नेत्र दान के क्षेत्र में कार्य कर रही शहर की प्रमुख संस्था नेत्र ज्योति एक प्रयास के संयोजन में गुरुग्राम के निरामया चैरिटेबल ट्रस्ट की टीम ने नेत्रदान कराया तथा शुक्रवार को ही दो नेत्रहीनों की दुनिया को रोशन भी कर दिया गया।

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थांई मोहल्ला निवासी गिरीश गोयल मूल रूप से नूंह जिले के पुन्हाना के रहने वाले हैं तथा कुछ समय पूर्व उनका परिवार पलवल में बस गया। गिरीश के 10 वर्षीय पुत्र ध्रुव पिछले कुछ दिन से अस्वस्थ चल रहे थे। डॉक्टरों ने जांच के दौरान ध्रुव को लीवर में कुछ परेशानी बताई थी, जिसका उपचार चल रहा था। 14 मार्च की देर रात को ध्रुव का अकस्मात निधन हो गया। गम के माहौल में जब नेत्र ज्योति एक प्रयास के सक्रिय सदस्य मनीष जैन व सुशील जैन ने गिरीश गोयल को ढांढस बंधाते हुए ध्रुव के नेत्रदान कराने की बात कही तो गिरीश ने तुरंत अपनी मां मिथलेश व पत्नी श्वेता से इस बारे में बात कर नेत्रदान कराने का निर्णय कर लिया। संस्था के पदाधिकारियों के अनुसार इतनी कम उम्र में न केवल पलवल बल्कि एनसीआर में यह पहला नेत्रदान है।

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गिरीश गोयल व उनके परिवार ने वाकई ही समाज के समक्ष एक मिसाल पेश की है। मात्र 10 वर्ष की उम्र में पुत्र के निधन से जब अपनी खुद की दुनियां अंधेरे की तरफ बढ़ रही हो, ऐसे में नेत्रहीनों के जीवन में रोशनी भरने के लिए नेत्रदान का फैसला करना साहसिक कार्य है। इस कार्य के लिए नेत्रहीन लोगों की तरफ से ध्रुव के परिजनों को नमन करता हूं।

- दीपक गोयल, संयोजक, नेत्रज्योति एक प्रयास


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