दुनिया में मात्र तीन प्रतिशत जल पीने योग्य: आचार्य राजेश
राजकीय उच विद्यालय कुरथला में सोमवार को विश्व जल दिवस मनाया। इस दौरान आचार्य राजेश ने स्कूली बचों को जानकारी देते हुए बताया कि जल को बचाया जा सकता है बनाया नहीं जा सकता।
संवाद सहयोगी, नूंह: राजकीय उच्च विद्यालय कुरथला में सोमवार को विश्व जल दिवस मनाया। इस दौरान आचार्य राजेश ने स्कूली बच्चों को जानकारी देते हुए बताया कि जल को बचाया जा सकता है, बनाया नहीं जा सकता। जल है तो कल है अर्थात जल ही जीवन है। जल हमें व्यर्थ में और अनावश्यक प्रयोग नहीं करना चाहिए। पूरे विश्व में लगभग तीन प्रतिशत जल ही पीने योग्य है।
उन्होंने कहा कि पीने योग्य पानी का संकट पूरे विश्व में दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। हमें खुले नल से नहीं नहाना चाहिए। पानी को बाल्टी में लेकर स्नान करने से बहुत पानी बचता है। कपड़े धोने के लिए और गाड़ी, मोटरसाइकिल धोने में बहुत पानी खर्च होता है इसलिए गाड़ी और मोटरसाइकिल धोने के लिए और कपड़े धोने के लिए जितना आवश्यक है, उतना ही पानी खर्च करें।
आचार्य राजेश ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि घर के आगे बहुत पानी छिड़कने से पानी बर्बाद होता है। ऐसा नहीं करना चाहिए। जहां पानी की टंकी का रिसाव हो और जहां से पाईपलाइन फूट रही हो या तो उसे बंद कर दें या फिर अधिकारी तक सूचना करें और पानी का प्रयोग करते समय हम खुली टंकियों को तुरंत बंद करें और पानी को खाली ना चलाएं। इससे बहुत सारा पानी बर्बाद होता है। छत पर टंकी भरने से पानी ओवरफ्लो होता है उससे भी पानी बर्बाद होता है हमें उसे भी टंकी भरने पर बंद करना चाहिए।
आचार्य राजेश ने बच्चों को जन्मदिन के बारे में बताते हुए कहा कि जन्मदिन मनाने के लिए हमें पेड़ लगाने चाहिए और हवन करना चाहिए, जिससे हमारा पर्यावरण ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव से बच सके। इस अवसर पर स्कूल के प्रभारी प्राचार्य प्रवीण कुमार, अमित वालिया, योगाचार्य रमनलाल, पृथ्वी सिंह योगाचार्य, अनीता शर्मा, सीमा शर्मा, रविद्र देशवाल मुख्य रूप से उपस्थित रहे।