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(संपादित) निर्भया के दोषियों को हुई फांसी को महिलाओं ने बताया देश की जीत

संवाद सहयोगी तावडू़ निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड मामले में शुक्रवार को चारों दोषियों को फांसी लगने पर लोगों में खुशी की लहर है। लोग इस दिन को निर्भया को न्याय दिन के तौर पर मना रहे हैं। वहीं लोगों ने इस संदर्भ में महामहिम राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट सहित केंद्र सरकार का भी आभार व्यक्त किया है। शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे निर्भया के दोषियों को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। दोषियों को फांसी होने की सजा पर लोगों को सुकून मिला। लोगों का कहना है कि निर्भया के दोषियों को फांसी लगने पर देश में सरकार व न्याय व्यवस्था पर भरोसा फिर से जगा है। लेकिन यह जो सात वर्ष सजा सुनाने में लगे इस सिस्टम में बदलाव की जरूरत है। इस संदर्भ में दैनिक जागरण के साथ क्षेत्र की कुछ महिलाओं ने अपने विचार साझा किए। प्रस्तुत हैं उनके साथ बातचीत के अंश ------

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Mar 2020 06:54 PM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 06:54 PM (IST)
(संपादित) निर्भया के दोषियों को हुई फांसी को महिलाओं ने बताया देश की जीत
(संपादित) निर्भया के दोषियों को हुई फांसी को महिलाओं ने बताया देश की जीत

संवाद सहयोगी, तावडू़:

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निर्भया सामूहिक दुष्कर्म व हत्याकांड के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। इससे देश में खुशी देखी जा रही है। लोग इस दिन को निर्भया को मिले 'न्याय का दिन' के रुप में मना रहे हैं। यही नहीं, राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के साथ ही केंद्र सरकार को भी धन्यवाद दे रहे हैं।

लोगों का कहना है कि निर्भया के दोषियों को मिली फांसी ने सरकार और न्याय व्यवस्था के प्रति भरोसा बरकरार रखा है। पर सजा सुनाने में जो सात वर्ष का समय लग गया ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस सिस्टम में बदलाव की सख्त जरूरत है। इस संदर्भ में महिलाओं ने दैनिक जागरण के साथ अपने विचार भी साझा किए।

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- न्यायालय ने बिल्कुल सही फैसला लिया है। निर्भया कांड के दोषियों को देर से ही सही फांसी लगने पर संतोष मिला है। सरकार व न्याय व्यवस्था पर लोगों का भरोसा फिर पुख्ता हुआ है।

मनीता गर्ग, चेयरपर्सन, नपा, तावडू़।

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- निर्भया कांड जैसी घटनाएं अपने समाज में नैतिक मूल्यों का पतन हैं। दोषियों को फांसी लगने पर निर्भया की आत्मा को शांति मिली होगी। इससे लोगों में कानून के प्रति विश्वास और प्रगाढ़ हुआ है।

मंजू भरत तोंगड़, राष्ट्रीय सचिव, युवा कांग्रेस।

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निर्भया के साथ अमानवीय कृत्य करने वाले ऐसे दरिदों को समाज में जिंदा रहने का कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इन दोषियों को फांसी देकर सही काम किया है। न्याय मिलने में थोड़ा विलंब जरूर हुआ है, जिसमें सुधार की जरूरत है।

ईशा रानी, सीडीपीओ।

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- ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं इस पर भी समाज को चितन करना होगा। समाज को महिलाओं के प्रति अपना नजरिया बदलना होगा। देर से ही सही निर्भया को इंसाफ तो मिला।

प्रीति, एक्सटेंशन लेक्चरर

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- निर्भया के दोषियों को सजा मिलने से समाजविरोधियों के बीच एक संदेश जरूर गया है कि वे इस तरह का अपराध करेंगे, तो उन्हें फांसी पर लटकना ही होगी। वहीं, सिस्टम में सुधार की जरूरत है, ताकि इस तरह के जघन्य अपराध में न्याय मिलने में अधिक समय ना लगे।

- योगिता शर्मा, एक्सटेंशन लेक्चरर।

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- पिछले सात साल से देश निर्भया के दोषियों को सजा मिलने का इंतजार कर रहा था। अब उसे सजा मिल चुकी है, जिससे देश में खुशी की लहर है। हमारे सिस्टम में खामियां हैं, जिसका दोषी लाभ उठा लेते हैं। खामियों को दूर करने का अब समय आ गया है।

हेमा शर्मा, प्रिंसिपल, ग्रीन डेल्ज स्कूल।


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