पुन्हाना, जागरण टीम: नूंह जिले में 50 प्रतिशत लोग ड्राइवरी का काम करते हैं। अधिकतर युवाओं को अनपढ़ता व जागरूकता की कमी के चलते यातायात के नियमों की जानकारी नहीं है। इसको लेकर कई वर्ष पहले कांग्रेस सरकार ने इंडरी खंड के छपेड़ा गांव में ड्राइविंग स्कूल बनाने की घोषणा की थी।
इस घोषणा को अमलीजामा पहनाने की बात करते हुए कई वर्ष पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मेवात विकास बोर्ड की बैठक में इस स्कूल को बनाने पर विशेष जोर दिया था, लेकिन अभी तक जिले में ड्राइविंग स्कूल नहीं बन पाया है। जिले में ड्राइविंग स्कूल ना होने के चलते भी सड़क हादसे बढ़ रहे हैं।
ड्राइविंग स्कूल बनने से मिलेगी यातायात के नियमों की जानकारी
ड्राइविंग स्कूल बन जाता है तो युवाओं को यहां आसानी से ट्रेनिंग करने को मिलेगी और यातायात के नियमों की बेहतर जानकारी मिल सकेगी, जिससे सड़क हादसों में निश्चित रूप से कमी आएगी।
ड्राइविंग स्कूल के लिए आ चुकी है सात करोड़ रुपये की राशि
योजना को सिरे चढ़ाने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय ने आधी राशि के रूप में करीब सात करोड़ रुपये केंद्र से दी है। इस स्कूल के निर्माण व अन्य संसाधनों पर 13 करोड़ 96 लाख रुपये खर्च होने हैं।
पिछले चार वर्षों में जिले में हुए सड़क हादसों पर एक नजर
वर्ष- दुर्घटनाएं- मौत- घायल
2019- 560- 237- 562
2020- 541- 213- 555
2021- 518- 224- 520
2022- 410- 166- 408
जिले के विकास को लेकर प्रदेश सरकार की मंशा ठीक नहीं है। मेवात का विकास कांग्रेस ने कराया था और आगे भी कराएगी। सात साल बाद भी प्रदेश सरकार ड्राइविंग स्कूल का ट्रेंडर तक नहीं करा पाई है, जिसके चलते दिन-प्रतिदिन सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। -आफताब अहमद, कांग्रेस विधायक, नूंह