सत्येंद्र सिंह, नूंह: नशे की लत युवाओं के स्वास्थ्य पर ही असर नहीं डाल रही, बल्कि उन्हें अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपराध की ओर ले जा रही है। नूंह, पलवल, रेवाड़ी, गुरुग्राम, नारनौल और फरीदाबाद में कई युवा नशे के गिरफ्त में आकर अपना जीवन खराब कर रहे हैं। गांजा, चरस, स्मैक और विभिन्न मादक पदार्थों के अलावा ऐसे युवा प्रतिबंधित कोडिन फास्फेट युक्त कोरेक्स सिरप का सेवन कर नशे के आदी बनते जा रहे हैं।

नूंह में यह प्रतिबंधित सिरप परचून की दुकान से लेकर पान की दुकानों तक पर आसानी से मिल जाती है। बेचने वाले इसे दोगुने दाम में बेच रहे हैं। युवाओं को नशे की लत से बचाने और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को आईना दिखाने के लिए दैनिक जागरण ने स्ट्रिंग आपरेशन कर इसका पर्दाफाश किया। इसकी पहली कड़ी आज प्रकाशित कर रहे हैं। अगली कड़ी कल के अंक में पढ़ें। हम पुन्हांना से पैरा गांव को जाने वाले मोड़ पर परचून की एक दुकान और दो कंफेक्शनरी शाप में टीम के साथ शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे पहुंचे।

चार से पांच तरह की प्रतिबंधित दवाएं भी बेची जा रही युवाओं को

तीनों दुकानों पर बिना किसी डर के प्रतिबंधित कोडिन फास्फेट युक्त कोरेक्स सिरप ही नहीं, बल्कि चार से पांच तरह की प्रतिबंधित दवाएं (बगैर रैपर की) युवाओं को बेची जा रही थीं। करीब एक घंटे तक हम यहां पर रहे। इस दौरान बीस से अधिक युवा बाइक पर आए और बंद मुट्ठी में रकम देने पर दुकानदार उन्हें सिरप और मांग के मुताबिक नीले रंग के कैप्सूल पकड़ा देते। यह दृश्य देख हमारे साथी ने एक दुकानदार के पास जाकर सिरप मांगी तो उसने 150 रुपये की मांग की।

कम राशि में देने को वह तैयार नहीं हुआ। यह कहते हुए मना कर दिया कि सौ रुपये में तो दिल्ली से मंगाते हैं। कुछ देर खड़े रहने के बाद अगली दो दुकानों में गए तो एक दुकान में सिरप के साथ-साथ सरेआम स्मैक भी बेची जा रही थी। दोनों दुकानदार पीछे जाकर उसी को सिरप और पुड़िया दे रहे थे, जिसे वह पहले से जानते थे। दिखाने के लिए दुकान के आगे पकौड़े और कोल्डड्रिंक की बोतलें लगा रखी थीं। कई युवा तो दुकान के पास ही खड़े होकर सिरप पीने के बाद बोतलें सड़क के किनारे ही फेंककर चल देते थे।

पान के खोखे पर कोडिन फास्फेट युक्त कोरेक्स सिरप बेची जा रही

पूरा दृश्य देखने के बाद आइडीबीआइ बैंक के पास पहुंचे और यहां खड़े चार लोगों से सवाल किया कि प्रतिबंधित सिरप व अन्य मादक पदार्थ सरेआम बेचे जा रहे हैं, आखिर प्रशासन की ओर से कार्रवाई नहीं होती? उत्तर मिला पुलिस से लेकर सभी अधिकारी जानते हैं, पर कुछ नहीं होता है। इसी तरह नगीना, फिरोजपुर झिरका, नूंह और पिनगवां में भी पान के खोखे पर कोडिन फास्फेट युक्त कोरेक्स सिरप बेची जा रही है। पलवल में भी कुछ जगहों पर प्रतिबंधित सिरप बेची जा रही है।

चार मेडिकल स्टोर में जाकर संवाददाता ने सिरप मांगी तो दुकानदारों ने मना कर दिया। उसने कहा कि इसके विकल्प में दूसरी सिरप है, इसे रखना बंद कर दिया है। नारनौल और रेवाड़ी में पड़ताल के दौरान कई मेडिकल स्टोर संचालकों ने कोडिन फास्फेट युक्त कोरेक्स सिरप नहीं रखने की बात कही। ओल्ड फरीदाबाद स्थित चार मेडिकल स्टोर पर जाकर कोरेक्स कफ सिरप की पड़ताल की गई।

तीन मेडिकल स्टोर ने कोरेक्स के स्थान पर अन्य कफ सिरप खरीदने की सलाह दी, जबकि एक मेडिकल स्टोर संचालक ने कोरेक्स डीएक्स दी। ओल्ड फरीदाबाद का बड़ा मेडिकल स्टोर होने के चलते संचालक ने बिल भी दिया। मेडिकल स्टोर संचालक अभय ने बताया कि अब कोरेक्स की मांग करने वाले ग्राहक कम आते हैं, जो मांगता है उसे कोरेक्स डीएक्स ही देते हैं।

गुरुग्राम व सोनीपत में पर्ची के बिना नहीं मिलती कोरेक्स

गुरुग्राम और सोनीपत में जागरण पड़ताल में यह सामने आया कि स्टोर संचालक इस प्रतिबंधित सिरप को नहीं बेचते। सोनीपत स्थित राज मेडिकोज के मालिक ने बताया कि औषधि नियंत्रण विभाग ने साथी नाम से एक एप बनाया है, इस पर प्रतिबंधित 14 दवाओं की सूची अपलोड की गई है।

इनमें से कोई भी दवा मेडिकल स्टोर वाले नहीं बेचते। गुरुग्राम के कई मेडिकल स्टोर पर पड़ताल करने पर सामने आया कि कोरेक्स को बेचने के लिए डाक्टर की पर्ची, डाक्टर व मरीज की पूरी जानकारी और बिल की कापी साथी एप पर अपलोड करनी पड़ती है। अधिकतर मेडिकल स्टोर संचालक कोरेक्स को रखते ही नहीं।

Edited By: Himani Sharma