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मोबाइल सांइस वैन करेगी विद्यार्थियों की परेशानी दूर

जय जवान-जय किसान व जय विज्ञान के नारे को पूरा करने के लिए प्रदेश में एससीईआरटी गुरूग्राम द्वारा जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों को सांइस विषय में मजबूत करने के लिए सात मोबाइल सांइस वैन चलाई गई है..

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 06:25 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 06:25 PM (IST)
मोबाइल सांइस वैन करेगी विद्यार्थियों की परेशानी दूर
मोबाइल सांइस वैन करेगी विद्यार्थियों की परेशानी दूर

अंतराम खटाना, नूंह

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जय जवान-जय किसान व जय विज्ञान के नारे को पूरा करने के लिए प्रदेश में एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) गुरुग्राम द्वारा जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों को सांइस विषय में मजबूत करने के लिए सात मोबाइल सांइस वैन चलाई गई है। जो आगामी 25 दिनों में जिले के सभी खंडों के 50 स्कूलों में जाकर बच्चों को सांइस की बारीकियों से अवगत कराएंगी।

हर दिन मोबाइल सांइस वैन जिले के दो स्कूलों में जाकर छात्र-छात्राओं में विज्ञान संबंधी परेशानियों का समाधान कराएंगी। शिक्षा विभाग द्वारा जिले के हर खंड में तीन साइंस के मास्टर ट्रेनर नियुक्त किए गए है। जो छात्र-छात्राओं को शिक्षा में चली आ रही रट्टा प्रणाली से छुटकारा दिलाएंगे। मोबाइल साइंस वैन के पहले चरण में जिले के स्कूलों में छात्र-छात्राओं को विज्ञान की बारीकी सिखाई जा रही है। जिले में प्रथम चरण के पूरा होने के बाद मोबाइल साइंस वैन पड़ोसी जिले पलवल व फरीदाबाद में छात्र-छात्राओं को जागरूक करेगी। 6-10वीं कक्षा के बच्चों को किया शामिल :

मोबाइल साइंस वैन द्वारा स्कूलों में कक्षा 6-10वीं तक के छात्र-छात्राओं को लाभ दिया जा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा जिन स्कूलों में साइंस अध्यापकों का अभाव है, ऐसे स्कूलों में प्राथमिकता के साथ मोबाइल साइंस वैन बच्चों को जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान व रासायनिक विज्ञान में आ रही अड़चनों को दूर कर रही है ताकि बच्चों को आगे चलकर विज्ञान विषय संबंधी किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आए। प्रयोग के माध्यम से किया जा रहा जागरूक :

जिले के अधिकतर स्कूलों में अभी भी अध्यापकों का घोर अभाव है। जिससे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं विज्ञान, गणित व अंग्रेजी सहित कई विषयों में पकड़ पूरी तरह से नहीं बना पाते हैं। ऐसे में मोबाइल साइंस वैन को जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान संबंधी विषयों में प्रयोग कराया जा रहा है। बच्चों के सामने विज्ञान का प्रत्यक्ष प्रयोग होने से वह अच्छी तरह से समझ रहे हैं। सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं सामने :

जिला विज्ञान कोआर्डिनेटर गिरधारी लाल, के अलावा नूंह के मास्टर ट्रेनर डॉ. संजय खेड़ला, शरद सौभाग्यम व मास्टर खुर्शीद अहमद ने बताया कि बच्चों के सामने विज्ञान के प्रयोग होने से वह विज्ञान में रूचि ले रहे हैं। प्रयोग के बाद जब बच्चों से प्रश्न पूछे जाते हैं, तो उसका वह अच्छे से जवाब दे रहे हैं, जिसके भविष्य में ओर बेहतर परिणाम सामने आएंगे। हर ब्लॉक के दस-दस स्कूलों को किया शामिल :

मोबाइल साइंस वैन के इस कार्यक्रम में जिले के हर ब्लाक के दस-दस ऐसे स्कूलों को लिया गया है, जिनमें अध्यापकों का अभाव है। ऐसे में स्कूलों में अध्यापकों की कमी को पूरा करने में मोबाइल साइंस वैन काफी सार्थक सिद्ध हो रही है। खंड के साथ जिले के स्कूलों में विज्ञान अध्यापकों का गहरा अभाव है। विज्ञान अध्यापकों की कमी को पूरा करने में मोबाइल साइंस वैन अच्छी भूमिका निभा रही है। पहले चरण में खंड के लगभग आठ स्कूलों में बच्चों को विज्ञान का ज्ञान दिया गया है। जिले में सितंबर माह में मोबाइल वैन का पहला चरण समाप्त हो रहा है।

अब्दुल मजीद, खंड शिक्षा अधिकारी, नूंह।


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