प्रशासन की चेतावनी के बावजूद खाली नहीं हुई आवासीय कॉलोनी
मेवात विकास अभिकरण द्वारा अब से 35 वर्ष पहले बनाई गई हाउ¨सग बोर्ड कालोनी को प्रशासन द्वारा बीते 10 माह पहले कंडम घोषित किया जा चुका है। ऐसे में कंडम घोषित की जा चुकी आवासीय कालोनी में अभी भी लोग रह रहे हैं। हालांकि इसको लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा आवासीय कालोनी में रहने वाले लोगों को कमरों को खाली करने का नोटिस दिया जा चुका है लेकिन बावजूद इसके लोग यहां अभी भी बने हुए हैं। कंडम घोषित की जा चुकी इस आवासीय कालोनी में कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा इस सवाल का जवाब शायद किसी के पास नहीं है।
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर झिरका: मेवात विकास अभिकरण द्वारा 35 वर्ष पहले बनाई गई हाउ¨सग बोर्ड कॉलोनी को प्रशासन द्वारा बीते 10 माह पहले जर्जर घोषित किया जा चुका है। ऐसे में जर्जर घोषित की जा चुकी आवासीय कॉलोनी में अभी भी लोग रह रहे हैं। हालांकि इसको लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा आवासीय कॉलोनी में रहने वाले लोगों को कमरों को खाली करने का नोटिस दिया जा चुका है, लेकिन बावजूद इसके लोग यहां अभी भी बने हुए हैं। जर्जर घोषित की जा चुकी इस आवासीय कॉलोनी में कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा इस सवाल का जवाब शायद किसी के पास नहीं है। बता दें कि वर्षों पुरानी आवासीय कॉलोनी को जर्जर घोषित किए हुए करीब 10 माह बीत चुके हैं। इसके उपरांत से ही स्थानीय प्रशासन यहां रहने वाले लोगों को बाहर निकालने के लिए ऐडी चोटी का जोर लगा रहा है, लेकिन प्रशासन की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते यहां से लोग जाने का नाम नहीं ले रहे हैं। हालांकि उपमंडल अधिकारी नागरिक कार्यालय द्वारा आवासीय कॉलोनी को खाली करवाने के लिए नायब तहसीलदार को इसके लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर रखा है। ड्यूटी मजिस्ट्रेट द्वारा गत माह कमरों को खाली करवा दिया गया, लेकिन वो भी इसे पूरी तरह खाली न करा सके। ऐसे में सवाल यह उठता है कि प्रशासन की लचर कार्यशैली का लोग फायदा उठाकर आदेश को दरकिनार कर रहें हैं। एसडीएम प्रशांत अटकान ने इस संदर्भ में कहा कि इसके लिए शीघ्र ही यहां रहने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।