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पुलआउट लीड....... तीन महीने में 20 डिपो धारकों पर गिरी गाज

जागरण संवाददाता, नूंह: खाद्य आपूíत नागरिक एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जिले में उन डिपो

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 05:01 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 05:01 PM (IST)
पुलआउट लीड....... तीन महीने में 20 डिपो धारकों पर गिरी गाज
पुलआउट लीड....... तीन महीने में 20 डिपो धारकों पर गिरी गाज

जागरण संवाददाता, नूंह:

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खाद्य आपूíत नागरिक एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जिले में उन डिपो धारकों पर सख्त से सख्त कदम उठाए जा रहे है जो लोगों के हकों पर डाका डाल रहे हैं। तमाम सुविधाओं के कारण भी डिपो धारक गरीबों के राशन को डकार रहे हैं। ऑनलाइन राशन प्रणाली के बावजूद भी डीपो धारक बाज नही आ रहे है। आए दिन लोग संबंधित विभाग में डिपो धारकों की शिकायत लेकर आते देखे जा सकते हैं। अब विभाग द्वारा धांधली की शिकायत आने पर तुरन्त डिपो धारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। बीते तीन महीनों में विभाग द्वारा लगभग 20 डिपो धारकों के लाइसेंस को रद्द किया गया हैं।

विभाग की इस सख्ती से डिपो धारकों में हड़कंप मचा हुआ है। हाल में आबिद डिपो धारक कौराली नूंह, राशिद डिपो धारक सिरौली पुन्हाना व हसन मोहम्मद डिपो धारक नीमका फिरोजपुर झिरका शामिल है। सरकार द्वारा राशन प्रणाली को ऑनलाइन करने के बावजूद भी डिपो धारकों द्वारा गरीबों के हकों को डकारने की खबरें आम हो गई है। जिससे विभागीय अधिकारियों द्वारा कड़ा संज्ञान लिया जा रहा है। लेकिन जिस तरह विभाग द्वारा डिपो धारकों के लाइसेंस को रद्द किया जा रहा है, उससे निश्चित तौर पर गरीबों में उम्मीद की एक किरण अवश्य जगी है।

नेटवर्क नहीं आने का होता है बहाना:

डिपो धारक गांवों में लोगों को राशन बांटने के लिए जाते हैं, ऑनलाइन प्रणाली के लिए बॉयोमेट्रिक मशीन में लाभार्थी से अगूंठा लगवाया जाता है। इसी दौरान डिपो धारक बार-बार अगूंठा लगवाकर नेटवर्क नहीं आने की बात करते हैं, दूसरी ओर अगले माह के लिए राशन देने की बात कहते हैं। इसी तरह से गरीबों को उलझाया जाता हैं। लेकिन उनको राशन नहीं दिया जाता है। ग्रामीणों की यह शिकायत आम देखी जा सकती हैं। जिससे त्रस्त होकर लोग जिला मुख्यालय के चक्कर काटते हैं। विभाग द्वारा लोगों के हितों को ध्यान में रखकर कदम उठाया जा रहा है। जिसका जो हक है, वह उसको मिलना चाहिए। कुछ डिपो होल्डर की बार-बार शिकायत आने पर उनके लाइसेंस को रद्द किया गया है। भविष्य में भी विभाग द्वारा कड़े कदम उठाएं जाते रहेंगे। अगर किसी गांव या मोहल्ले में राशन नहीं दिया जा रहा हैं। तो वहां के लोगों उनको अवश्य सूचित करें, ताकि समय रहते कड़े कदम उठाएं जा सके। बीते तीन माह में लगभग बीस डिपो धारकों के लाइसेंस को रद्द किया गया है।

सीमा शर्मा, डीएफएससी, नूंह।


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