चलनी की ओट से किया चांद का दीदार
व्रत रखने वाली सुहागिनों ने सुबह चार बजे से पहले उठकर सबसे पहले सरगी (मुंह अटेरना) की तथा उसके बाद दिनभर निर्जला रहकर अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत रखा। शाम को करवा चौथ की कहना सुनने महिलाएं मंदिर गई। जहां उन्होंने विधिपूर्वक पूजा अर्चना की। मिट्टी के बने करवों को सुहागिनों द्वारा बदला गया। करवों में मिठाई पानी भरकर सुहाग
जागरण संवाददाता, पुन्हाना :
पुन्हाना में करवाचौथ का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। सुहागिनों महिलाओं ने शनिवार को करवाचौथ का व्रत रखकर अपने पतिदेव की लंबी उम्र की कामना की। व्रत रखने वाली सुहागिनों ने सुबह चार बजे से पहले उठकर सबसे पहले सरगी (मुंह अटेरना) की तथा उसके बाद दिनभर निर्जला रहकर अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत रखा। शाम को करवाचौथ की कहानी सुनने महिलाएं मंदिर गई। जहां उन्होंने विधिपूर्वक पूजा अर्चना की। मिट्टी के बने करवों को सुहागिनों द्वारा बदला गया। करवों में मिठाई पानी भरकर सुहागिनों ने इसे एक दूसरे के करवों से बदला। इसी करवे के पानी से रात को चांद निकलने पर उसे अर्क दिया गया तथा उसी पानी को पति के हाथ से पीकर अपना व्रत भी खोला।