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बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा औद्योगिक क्षेत्र रोजका मेव

लगातार ध्यान दिलाने के बावजूद सरकार की नजर जिले की औद्योगिक नगरी रोजकामेव पर नहीं पड़ रही है। इससे यहां के उद्योगपति खासे परेशान हैं और यहां से पलायन के मूड में दिखाई दे रहे हैं। अस्सी के दशक में मेवात के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजका मेव में स्थापित कराई गई औद्योगिक नगरी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। यहां कानून व्यवस्था से लेकर बिजली-पानी सीवरेज व ड्रेनेज जैसी दर्जनों समस्याएं हैं। उद्योगपति इनके समाधान के लिए लगातार गुहार लगाते आ रहे हैं लेकिन अभी तक इस बारे में किसी ने सुनवाई नहीं की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Jun 2019 05:16 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 05:16 PM (IST)
बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा औद्योगिक क्षेत्र रोजका मेव
बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा औद्योगिक क्षेत्र रोजका मेव

जागरण संवाददाता, नूंह :

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लगातार ध्यान दिलाने के बावजूद सरकार की नजर जिले की औद्योगिक नगरी रोजका मेव पर नहीं पड़ रही है। इससे यहां के उद्योगपति खासे परेशान हैं और पलायन के मूड में हैं। अस्सी के दशक में मेवात के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजका मेव में स्थापित कराई गई औद्योगिक नगरी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। यहां कानून व्यवस्था से लेकर बिजली-पानी, सीवरेज व ड्रेनेज जैसी दर्जनों समस्याएं हैं। उद्योगपति इनके समाधान के लिए लगातार गुहार लगाते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक इस बारे में किसी ने सुनवाई नहीं की है।

बता दें, कि 1983 में पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल की सरकार ने रोजका मेव गांव में औद्योगिक नगरी स्थापित कराई थी। उस समय जो उद्योग यहां लगे वो एक दशक तक चले। लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण यहां पानी, सीवरेज, सुरक्षा जैसी कई समस्याएं उत्पन्न होती गई। इस वजह से यहां काफी उद्योग बंद हो गए। हालात ये हैं कि यहा लगभग 35 औद्योगिक इकाइयां चल रही है। जबकि दर्जनों बंद हो गई। कोई संदेह नहीं कि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए उद्योग-धंधे बहुत जरूरी है।

समस्याओं से परेशान हुए उद्योगपति

औद्योगिक क्षेत्र में सड़कें बिल्कुल टूटी हुई हैं। जिस पर वाहन तो दो दूर पैदल चलना भी दूभर है। बार-बार मांग करने के बाद करीब तीन साल पहले इन्हें बनाने की पहल की गई थी, लेकिन सड़कों को सिर्फ खोदकर छोड़ दिया गया जिससे परेशानी ओर बढ़ गई है। वहीं सीवरेज सिस्टम तो यहां बिल्कुल ठप है। सीवर लाइन यहां डाली गई थी, लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट न होने से यह काम भी अधूरा लटका हुआ है। जलभराव भी यहां की समस्याओं में से एक है। विशेष बात ये है कि किसी भी प्रकार की आग की घटना से निपटने के लिए यहां कोई फायर स्टेशन नहीं है। जिसके कारण कई बार कंपनियों में आग लगने के कारण भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा है।

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हम अपनी समस्याओं को लेकर कई बार डीसी से मिल चुके कोई समाधान नहीं है। उद्योगपति काफी परेशान हैं। एचएसआइआइडीसी अधिकारी बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे हैं। सरकार से उम्मीद है, लेकिन अभी तक सुधार की पहल नहीं हुई है। यही स्थिति रही तो उद्योगपति यहां से पलायन कर जाएंगे।

वीसी खटाना, चेयरमैन मेवात चेंबर आफ कामर्स।

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यहां सीवरेज, पानी, ड्रेनेज, फायर बिग्रेड के अलावा सुरक्षा की दिक्कत है। सरकार उद्योग को बढ़ावा देना चाहती है तो रोजका मेव पर ध्यान देना होगा। हम काफी परेशान है, यहां की समस्याओं का समाधान किया जाए।

डीके मेहता, सीनियर वाइस प्रेजीडेंट, मेवात चेंबर आफ कामर्स।

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