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मलेरिया के डंक को काबू करने में कामयाब रहा स्वास्थ्य विभाग

जिला स्वास्थ्य विभाग जिले में मलेरिया के डंक को काबू करने में इस बार कामयाब होता नजर आ रहा है। विभाग द्वारा जारी आंकडें इसकी गवाही दे रहे हैं। जिले में सितंबर माह के शुरुआत तक इस बार मलरेरिया पॉजीटिव के केवल 1365 केस दर्ज किए गए हैं। जबकि पिछले वर्ष इसी माह में यह आंकड़ा चार हजार के आसपास था। विभाग की जागरुक

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 07:28 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 07:28 PM (IST)
मलेरिया के डंक को काबू करने में कामयाब रहा स्वास्थ्य विभाग
मलेरिया के डंक को काबू करने में कामयाब रहा स्वास्थ्य विभाग

अख्तर अलवी फिरोजपुर झिरका:

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जिला स्वास्थ्य विभाग जिले में मलेरिया के डंक को काबू करने में इस बार कामयाब होता नजर आ रहा है। विभाग द्वारा जारी आंकडें इसकी गवाही दे रहे हैं। जिले में सितंबर माह के शुरुआत तक इस बार मलरेरिया पॉजीटिव के केवल 1365 केस दर्ज किए गए हैं। जबकि पिछले वर्ष इसी माह में यह आंकड़ा चार हजार के आसपास था। विभाग की जागरुकता ने इसमें बहुत बड़ा योगदान निभाया है। हालांकि पुन्हाना और नूंह में अभी भी मलेरिया और डेंगू का खतरा लगातार बना हुआ है। इन दोनों जगहों पर 27 गांव अतिसंवेदनशील की सूची में रखे गए हैं। यहां विभाग की टीमें लगातार बनी रहकर लोगों को बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक कर रही हैं। मलेरिया के आंकड़ों पर नजर:

2015 में कुल मलेरिया के मामले 6668 तीन लोगों की मौत।

2016 में कुल मलेरिया के मामले 5075

2017 में कुल मलेरिया के मामले

3943

2018 में कुल मलेरिया के मामले

1365 स्वास्थ्य विभाग की संवेदनशील और अतिसंवेदनशील गांवों पर पैनी नजर:

जिला स्वास्थ्य विभाग पिछले साल मलेरिया और डेंगू से प्रभावित रहे गांवों पर पैनी नजर बनाए हुआ है। विभाग ने जिले के कुल 27 गांव हैं। इनमें उजीना के 16 और पुन्हाना के 11 गांव शामिल हैं। ये वही गांव हैं जहां से पिछले कुछ वर्षों में मलेरिया के सबसे अधिक 80 प्रतिशत केस दर्ज हुए हैं। इस बार नूंह में मलेरिया के फैलने का अधिक खतरा बना हुआ है। विभाग की टीमें यहां लगातार बने रहकर ग्रामीणों को जागरूक कर रही हैं।

फॉ¨गग का कार्य जोरों पर :

मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने जिले में मलेरिया तथा डेंगू के संभावित खतरे के मद्देनजर शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छर मक्खी रोधित दवाईयों का छिड़काव शुरु कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग तथा नपा प्रशासन द्वारा फॉ¨गग करने के अलावा घरों के आसपास की नालियों में मिट्टी तथा काला तेल डालकर उन्हें साफ करने में लगा हुआ है। इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन द्वारा बचाव के लिए मुनादी के अलावा पंपलेट तथा लोगों को जरुरी दिशा निर्देश दिए जा रहें हैं। विभाग की जागरूकता आई काम:

जिलेवासियों को स्वच्छता और बीमारियों से बचाव के प्रति जागरुकता करना स्वास्थ्य विभाग के लिए काम आया है। शायद यही वजह है कि लोगों में जागरुकता होने के चलते जिले में इस बार मलेरिया का प्रकोप काफी कम रहा है।

वायरल फीवर ने तोड़ी कमर :

जिले के अधिकांश इलाकों में इस समय वायरल फीवर का कहर लोगों की कमर तोड़ रहा है। जिले के नूंह, तावडू, पुन्हाना, और फिरोजपुर झिरका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उमड़ी मरीजों की भीड़ से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। फिरोजपुर झिरका की सीएचसी में रोजाना 200 से 250 मरीज बुखार या अन्य बीमारियों से पीड़ित होकर यहां पहुंच रहे हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य केन्द्र में अलग से डॉक्टरों की तैनाती की है। इसके अलावा पीड़ित लोगों को रक्त की जांच करने की सुविधा भी दी जा रही है। इस बार जिले में मलेरिया पर विभाग का पूरा नियंत्रण है। जिले में कुल 1365 मलेरिया के केस हैं। पिछले साल यह आंकड़ा चार हजार के आसपास था। बीमारियों की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा लोगों को जागरुक किया गया। काफी हद तक हम लोगों को जागरूक करने में कामयाब भी रहे।

डॉ. संतलाल वर्मा, सिविल सर्जन नूंह।


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