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कौशल विकास केंद्रों के विकास पर खर्च होंगे पचास लाख रुपये

जिले में चल रहे 20 कौशल विकास केंद्रों के विकास के लिए हरियाणा खादी बोर्ड ने 50 लाख रुपये की राशि प्रदान की है..

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Aug 2018 07:09 PM (IST)Updated: Sun, 05 Aug 2018 07:09 PM (IST)
कौशल विकास केंद्रों के विकास पर खर्च होंगे पचास लाख रुपये
कौशल विकास केंद्रों के विकास पर खर्च होंगे पचास लाख रुपये

अंतराम खटाना, नूंह

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जिले में अलग-अलग गांवों में चल रहे 20 कौशल विकास केंद्रों के विकास के लिए हरियाणा खादी बोर्ड ने 50 लाख रुपये की राशि प्रदान की है। इस राशि से कौशल विकास केंद्रों में 108 चरखे व 40 हैंडलूम लगाएं जाएंगे। खादी ग्राम उद्योग को बढ़ाने के लिए यह कदम बहुत अहम माना जा रहा है।

बीते दिनों चंडीगढ़ में हरियाणा खादी ग्राम उद्योग की चेयरपर्सन गार्गी कक्कड़ व बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शेखर विद्यार्थी के साथ जिला बाल कल्याण अधिकारी की बैठक हुई। इसमें 50 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है। इस राशि को जल्द ही कौशल विकास केंद्रों के विकास पर खर्च किया जाएगा। केंद्रों में जिले की सैंकड़ों बहू-बेटियों को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, फैशन डिजाइन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला बाल कल्याण विभाग ने सभी बहू-बेटियों को स्थाई रोजगार उपलब्ध कराने के लिए यह कदम उठाया है। केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा खादी ग्राम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं। इससे आने वाले समय में काफी लाभ मिलने की उम्मीद की जा रही है। आठ चरखे व दो हैंडलूम दिए जाएंगे :

हर कौशल विकास केंद्र को खादी ग्राम उद्योग द्वारा आठ-आठ चरखे व दो-दो हैंडलूम दिए जाएंगे। जिससे बहू-बेटियां यहां पर कौशल विकास के साथ खादी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कार्य करेंगी। बेरोजगारी होगी कम :

जिले में बीस कौशल विकास केंद्र स्थापित किए गए है। एक कौशल विकास केंद्र पर गांव की चालीस बहू-बेटियां प्रशिक्षण ग्रहण कर रही है। जिले में खादी ग्राम उद्योग द्वारा इनकी सुध लेने से गांवों की बेटियों को उनके गांव में ही रोजगार मिल जाएगा। जिससे उनको कहीं बाहर रोजगार की तलाश की जरूरत नहीं पड़ेगी।

हाथ की दक्षता को बढ़ावा मिलेगा :

कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से बेटियां घर बैठे हुनरमंद बन रही है। बेटियों के कढ़ाई, सिलाई व बुनाई के साथ खादी के चरखे व हैंडलूम के माध्यम से काफी बल मिलेगा। इससे दिन-प्रतिदिन उनकी हाथों की दक्षता बढ़ेगी और भविष्य में वह आत्मनिर्भर बन सकेंगी। उच्चाधिारियों के साथ बैठक में जिले के 20 कौशल विकास केंद्रों के विकास पर पचास लाख की राशि खर्च करने का निर्णय लिया गया है। यह कदम जिले की बहू-बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उठाया गया है। विकास केंद्रों पर हजारों बहू-बेटियां प्रशिक्षण ग्रहण कर रही है।

विश्वास मलिक, जिला बाल कल्याण अधिकारी, नूंह।


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