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हरियाणा संयुक्त कर्मचारी संघ ने किया एस्मा का विरोध

हरियाणा संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य कोषाध्यक्ष व हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन के राज्य महासचिव पंकज मित्तल निवासी नूंह ने परिवहन विभाग, स्वास्थ्य विभाग व कम्प्यूटर टीचर्स द्वारा अपनी मांगों को लेकर चलाए जा रहे आंदोलनों पर सरकार द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए एस्मा लगाए जाने का पुरजोर विरोध किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Sep 2018 06:09 PM (IST)Updated: Sun, 02 Sep 2018 06:09 PM (IST)
हरियाणा संयुक्त कर्मचारी संघ ने किया एस्मा का विरोध
हरियाणा संयुक्त कर्मचारी संघ ने किया एस्मा का विरोध

जागरण संवाददाता, नूंह:

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हरियाणा संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य कोषाध्यक्ष व हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन के राज्य महासचिव पंकज मित्तल नूंह ने परिवहन विभाग, स्वास्थ्य विभाग व कंप्यूटर टीचर्स द्वारा अपनी मांगों को लेकर चलाए जा रहे आंदोलनों पर सरकार द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए एस्मा लगाए जाने का पुरजोर विरोध किया।

उन्होंने कहा कि सरकार की वादाखिलाफी, तानाशाही, हठधर्मिता व निजीकरण के खिलाफ सभी कर्मचारी संगठन एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को अपना अडियल रुख छोड़कर प्रजातांत्रिक तरीके से अपनी जिम्मेदारी समझते हुए बातचीत के माध्यम से कर्मचारियों की समस्याओं का हल निकाले। सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रदेश की जनता को मूलभूत सुविधाएं स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, बिजली व पानी आदि कम से कम रेटों पर अथवा फ्री प्रदान की जाए, लेकिन सरकार सार्वजनिक विभागों का निजीकरण व कर्मचारियों की जायज मांगों की लगातार अनदेखी करके अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है।

उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा प्राइवेट बसें चलाने पर रोक लगाने, आवश्यकता अनुसार नई बसें खरीदकर बेड़े में शामिल करने, खाली पड़े पदों पर नियमित भर्ती करने, कच्चे कर्मचारियों व गेस्ट टीचरों आदि को पक्का करने, वेतन विसंगतियां दूर करने, केंद्र के समान वेतनमान व भत्ते लागू करने, मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को रोजगार प्रदान करने, सेवानिवृति की आयु 58 वर्ष से 60 वर्ष करने, आंगनबाड़ी वर्कर्स, मिड-डे-मील वर्कर्स, आशा वर्कर्स तथा ग्रामीण चौकीदारों के साथ सरकार द्वारा किए गए समझौतों को ईमानदारी से लागू करना तथा उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्रदान करना, सेवानियमों की त्रुटियों को दूर करने, पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने, मेडिकल कैशलेस की नीति हर बीमारी में पूरी तरह से लागू करना, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 रुपये मासिक लागू करना, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित समान काम समान वेतन को प्रदेश में लागू करना तथा हाईकोर्ट हरियाणा द्वारा रद की गई वर्ष 2014 की नियमितीकरण की नीति से प्रभावित कर्मचारियों को राहत देने के लिए तत्काल विधानसभा में अध्यादेश पारित करना आदि पर सरकार से सकारात्मक रुख अपनाने की अपील की।


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