डिपोधारक पर गड़बड़ी का आरोप, शिकायत
प्रदेश सरकार ने राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया हुआ है। सरकार की इस नई प्रणाली से कहीं न कहीं राशन वितरण में पारदर्शिता नजर तो आती है। लेकिन क्षेत्र के कुछ डिपोधारक ऐसे भी है जो गरीबों को चूना लगा कर सरकार की इस पारदर्शिता प्रणाली को तार-तार करने में लगे हुए हैं।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर झिरका :
प्रदेश सरकार ने राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया है। इस नई प्रणाली से कहीं न कहीं राशन वितरण में पारदर्शिता नजर तो आ रही है, लेकिन क्षेत्र के कुछ डिपोधारक ऐसे भी हैं जो गरीबों को चूना लगाने में मशगूल हैं।
जिले में डिपोधारकों द्वारा गबन किए जाने के कई मामले सामने आए हैं। ये अलग बात है कि संबंधित विभाग जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति कर डिपोधारकों को हर बार बचा देता है। गबन का नया मामला खंड बीवां गांव का है। यहां एक डिपोधारक पर बीपीएल परिवारों का 24 माह के राशन वितरण में बड़ा गबन करने का आरोप है। इस संबंध में गांव के सरपंच तैयब हुसैन व मेवात कारवां जनसंगठन के मानव अधिकार रक्षक ईसब खां आदि ने डायरेक्ट खाद्य आपूर्ति चंडीगढ़ व जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक नूंह को पत्र लिखकर डिपोधारक द्वारा किए गए गबन की जांच की मांग की है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है गांव में दो डिपोधारक दुकान हैं। दोनों ही राशन वितरण प्रणाली में भारी गोलमाल करते हैं। फिलहाल इन लोगों द्वारा कोरोना महामारी के दौरान भी राशन वितरण में गड़बड़ी की गई है। अगर सही से इसकी जांच हो जाए तो बड़ा गबन उजागर हो सकता है।
वहीं, स्थानीय खाद्य आपूर्ति एवं नियंत्रक अधिकारी अशोक रोहिल्ला ने बताया कि शिकायतों की जांच चल रही है। यदि डिपोधारक दोषी पाए जाते हैं, तो निश्चित ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।