एक वर्ष बाद भी डिजिटल लाइब्रेरी से लैस नहीं हुए स्कूल
डिजिटल इंडिया के मद्देनजर गत वर्ष जिला प्रशासन द्वारा प्रथम चरण में जिले के 15 विद्यालयों में डिजिटल लाइब्रेरी खोले जाने की योजना सामने आई थी। दिसंबर 2017 तक यह कार्य पूरा होना था। इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए थे। लेकिन एक वर्ष में भी ये योजना सिरे नहीं चढ़ी है। जिसको लेकर विद्यार्थियों व अभिभावकों में निराशा देखी जा सकती है। ये डिजिटल लाइब्रेरी पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के डिटिजल इंडिया विजन पर आधारित होती। प्रथम चरण में समस्त
जागरण संवाददाता, तावडू:
डिजिटल इंडिया के मद्देनजर गत वर्ष जिला प्रशासन द्वारा प्रथम चरण में जिले के 15 विद्यालयों में डिजिटल लाइब्रेरी खोले जाने की योजना सामने आई थी। दिसंबर 2017 तक यह कार्य पूरा होना था। इस संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए थे, लेकिन एक वर्ष में भी ये योजना सिरे नहीं चढ़ी है। इसको लेकर विद्यार्थियों व अभिभावकों में निराशा देखी जा सकती है।
ये डिजिटल लाइब्रेरी पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के डिटिजल इंडिया विजन पर आधारित होती। प्रथम चरण में समस्त 8 मेवात मॉडल स्कूलों व 7 राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों से इसकी शुरूआत होनी थी। एक स्कूल में लाइब्रेरी स्थापित करने पर लगभग 4 से 5 लाख रुपये खर्चा होता व दिसंबर 2017 तक कार्य पूरा होना था। कई बार देखने में आया है कि सभी स्कूल मंहगे रिसर्च जर्नल्स, मॉडयूल्स और ई-बुक्स नहीं खरीद सकते। इससे विद्यार्थियों का नुकसान होता है। ऐसे में लाइब्रेरी स्कूलों के विद्यार्थियों को बेहतर ढंग से स्टडी मेटेरियल दे सकती थी। दिसंबर 2017 से होती शुरूआत:
प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक डिजिटल लाइब्रेरी की ये सुविधा दिसंबर 2017 से मिलनी शुरू होती। इसमें विद्यार्थी सभी स्टडी मेटेरियल ऑनलाइन या फिर कंप्यूटर सिस्टम पर आसानी से पढ़ सकते। इसके अलावा उन्हें इसे सेव (सुरक्षित) करने का भी ऑप्शन मिलता। 20 हजार छात्रों को मिलता लाभ:
इस कार्य को पूरा करने को लेकर जिला प्रशासन ने एमएमटीसी कंपनी के साथ एमओयू कर लिया था। डिजिटल लाइब्रेरी बनाने के अलावा कंपनी के कर्मचारी विद्यार्थियों को इसका इस्तेमाल करना भी सिखाते। लाइब्रेरी बनने से उक्त 15 स्कूलों के लगभग 20 हजार छात्रों को इसका लाभ मिलता। सर्वांगीण विकास में भूमिका:
आज के दौर में डिजिटल लाइब्रेरी छात्रों के लिए वरदान है। छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास में इसकी अहम भूमिका है। इसके माध्यम से वे विभिन्न प्रकार की अध्ययन सामग्री, परीक्षा विषयक जानकारी हासिल कर सकते हैं। किसी भी संस्थान को अत्याधुनिक संसाधनों से लैस कर उसके माध्यम से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। ये सरकार व प्रशासन की बच्चों के भविष्य को लेकर स्वर्णिम पहल है। हां इस कार्य में कुछ देरी अवश्य हुई है, लेकिन ये कार्य प्रोसेस में है। डिजिटल लाइब्रेरी की सुविधा जल्द ही विद्यार्थियों को मिलनी शुरू हो जाएगी। अगले सत्र से विद्यार्थी इसका समुचित लाभ ले सकेंगे।
-कपिल पूनिया, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी।