डालसा ने स्कूली बच्चों को रैगिग के प्रति किया जागरूक
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण(डालसा) द्वारा स्कूली बच्चों में रैगिग के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें स्कूलों में स्टाफ सदस्यों की मौजूदगी में बच्चों को रैगिग से उभरने की जानकारी दी जा रही है। नूंह खंड के गावं अड़बर स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पैरा लीगल वालंटियर एडवोकेट ओमप्रकाश ने स्कूल में बच्चों को रैगिग के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि रैगिग का शब्द मुख्य रूप से भारत पाकिस्तान बांग्लादेश व श्रीलंका में प्रयोग किया जाता है।
जागरण संवाददाता, नूंह: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डालसा) द्वारा स्कूली बच्चों में रैगिग के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें स्कूलों में स्टाफ सदस्यों की मौजूदगी में बच्चों को रैगिग से उभरने की जानकारी दी जा रही है। नूंह खंड के गावं अड़बर स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस मौके पर पैरा लीगल वॉलंटियर एडवोकेट ओमप्रकाश ने बच्चों को रैगिग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रैगिग का शब्द मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश व श्रीलंका में प्रयोग किया जाता है। इस शब्द का मतलब है कि स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में वरिष्ठ छात्र नए छात्रों से अपनी बड़ाई प्रकट करने के लिए बहुत ही अपमानजनक रूप से पेश आते हैं। अभद्र हरकतें और अभद्र तरीकों का प्रदर्शन करने पर जोर देते हैं। यह कई बार घिनौना रूप धारण करता है, जब नए छात्र मानसिक या शारीरिक यातना झेलने लगते हैं। वर्तमान रूप में कहा जाता है कि श्रीलंका दुनिया में रैगिग से सर्वाधिक प्रभावित देश है।
उन्होंने बताया कि भारत में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भारतीय विश्वविद्यालयों में इसको रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं। नए छात्रों को किसी विशेष अवधि के लिए एक विशिष्ट ड्रेस पहनने के लिए कहा जाता है। निर्धारित ड्रेस कोड आमतौर पर अजीब होती है, जैसे पूरी तरह से काले या सफेद कपड़े, तेल लगे हुए बाल और एक विशेष शैली में कंघी, ऐसे शर्ट पहनना जिसमें पट्टियां नहीं हैं, लड़कियों के लिए लंबी स्कर्ट ड्रेसिग आदि। ड्रेस कोड रैगिग नए छात्रों को अजीब और असहज महसूस करा सकता है। अक्सर उन्हें ऐसी वेशभूषा में हर किसी का अनावश्यक ध्यान मिलता है। ऐसे में उन्होंने स्कूली छात्र-छात्राओं से अपील की, वह इस बुराई को दूर करने के लिए आगे आए। इस दौरान सैकड़ों बच्चों के साथ स्कूल स्टाफ के सदस्य मौजूद रहे।