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बालिका वाहिनी योजना से संवरेगी बेटियों की ¨जदगी

जिले की बेटियों को शिक्षा के क्षेत्र में मजबूती देने के लिए उपायुक्त पंकज कुमार ने नूंह बस स्टैंड से बालिका शिक्षा वाहिनी को हरी झंडी दिखाई। 28 बसें बेटियों को नि:शुल्क सेवा देंगी..

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Aug 2018 05:56 PM (IST)Updated: Mon, 27 Aug 2018 05:56 PM (IST)
बालिका वाहिनी योजना से संवरेगी बेटियों की ¨जदगी
बालिका वाहिनी योजना से संवरेगी बेटियों की ¨जदगी

प्रवीन चौधरी, नूंह

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जिले में बालिका वाहिनी योजना बेटियों की ¨जदगी संवारने में अहम भूमिका निभाएगी। योजना के तहत बेटियों को घर से स्कूल व स्कूल से घर छोड़ने के लिए 28 बस नि:शुल्क सेवा देंगी। इससे जहां एक ओर बेटियों की स्कूलों में ड्रॉपआउट संख्या में कमी आएगी वहीं दूसरी ओर सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को भी बल मिलेगा।

जिले की बेटियों को शिक्षा के क्षेत्र में मजबूती देने के लिए उपायुक्त पंकज कुमार ने नूंह के नए बस स्टैंड से बालिका शिक्षा वाहिनी को हरी झंडी दिखाई। रोडवेज जीएम एनके गर्ग, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी नूंह कपिल पूनिया, डीपीसी अनूप ¨सह जाखड़ व खंड शिक्षा अधिकारी नूंह अब्दुल मजीद की मौजूदगी में हरियाणा रोडवेज की बसों को रूटों पर रवाना किया। उपायुक्त पंकज ने बताया कि बालिका वाहिनी योजना प्रदेश के उन गांवों में चलाई जा रही है जहां बेटियों को स्कूल पहुंचने में कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

स्कूलों में बेटियों की संख्या को बढ़ाने के लिए हरियाणा स्कूल परियोजना परिषद पंचकूला के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बालिका वाहिनी योजना शुरू की। उन्होंने कहा कि जिले के सरकारी स्कूलों की छात्राओं को अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने में कोई परेशानी न हो इसके लिए जिले के पांचों खंडों मे 45 रूट बनाए गए हैं। योजना के तहत सरकारी स्कूलों की छात्राओं को हरियाणा रोडवेज की बसें उनके गांव से स्कूल और स्कूल से वापिस उनके गांव प्रतिदिन पहुंचाया करेंगी। पूर्ण रूप से नि:शुल्क बालिका शिक्षा वाहिनी योजना की बसों में सिर्फ छात्राएं ही सफर करेंगी। किसी अन्य को इन बसों मे सफर करने की अनुमति नहीं होगी।

बता दें, कि बालिका वाहिनी योजना को शुरू करवाने के लिए जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग नूंह वर्ष 2014 से लगातार प्रयासरत था। इसी वर्ष तत्कालीन उपायुक्त अशोक शर्मा ने बालिका वाहिनी को पायलेट प्रोजक्ट के तौर पर नूंह व उजीना के दो रूटों पर शुरू कराया था, जिसके बाद यह योजना जिले में कारगर साबित हुई थी। इसका परिणाम यह रहा है कि 27 अगस्त को यह योजना उपायुक्त पंकज कुमार ने जिले में पूर्ण रूप से लागू कर दी है। इस योजना के शुरू होने पर जिले के लोगों ने सरकार व जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। इस मौके पर एपीसी डॉ. जितेंद्र ¨सह, एबीआरसी मनीष शर्मा, लेखाकार मनीष कुमार, लिपिक नसीम अहमद, रोडवेज विभाग से साबिर हुसैन, यूनुस खान, रतीपाल ¨सह, इकबाल, शहीद अहमद समेत संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

फिलहाल 28 बसें देंगी बेटियों को सेवा :

फिलहाल जिले में रोडवेज की 28 बसें बेटियों को विभिन्न रूटों पर अपनी सेवाएं देंगी। उपायुक्त ने बताया कि करीब 16 किलोमीटर के दायरे को अपने रूटों पर ये बसें कवर करेंगी। इसके अलावा अगर कहीं और बेटियों को स्कूलों तक पहुंचने में दिक्कत है तो लोग स्वयं उन्हें अवगत करा सकते हैं। लोगों की मांग के अनुसार बेटियों के लिए बसें चलाई जाएंगी। उपायुक्त ने बताया कि जिले में बालिका वाहिनी योजना के तहत करीब 40 बसें चलाने का लक्ष्य है। बसों पर अलग से तैनात होंगे चालक व परिचालक :

नूंह रोडवेज पहले से ही स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। उपायुक्त ने इस परेशानी को देखते हुए बेटियों के लिए चलने वाली बसों पर अलग से चालक-परिचालक तैनात किए हैं। ये बसें स्कूल टाइम के बाद लोकल रूटों पर सवारियां भी ले जा सकेंगी। इससे रोडवेज की आमदनी पर भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बालिका वाहिनी योजना जिले की बेटियों के लिए कारगर साबित होगी। योजना से बेटियों की ड्रॉपआउट संख्या में कमी आएगी। हमारा भी यही प्रयास है कि सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को आगे बढ़ाते हुए बेटियों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराई जा सकते। इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।

पंकज कुमार, उपायुक्त।


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