जिले को मिली 19 प्राइमरी स्कूलों की सौगात
शिक्षा विभाग द्वारा लंबे समय से किए जा रहे प्रयासों की बदौलत जिले को 19 नए प्राइमरी स्कूलों की सौगात मिली है। आगामी एक जुलाई से इन स्कूलों के चलने की पूरी उम्मीद है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार कागजी कार्रवाई की सभी प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। उच्च शिक्षा विभाग से आगामी सप्ताह में इन स्कूलों को चलाने की अनुमति मिलने की उम्मीद है। बता दें कि दो वर्ष पूर्व जिले शिक्षा
अंतराम खटाना, नूंह
शिक्षा विभाग द्वारा लंबे समय से किए जा रहे प्रयासों की बदौलत जिले को 19 नए प्राइमरी स्कूलों की सौगात मिली है। आगामी एक जुलाई से इन स्कूलों के चलने की पूरी उम्मीद है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार कागजी कार्यवाही की सभी प्रक्रियाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। उच्च शिक्षा विभाग से आगामी सप्ताह में इन स्कूलों को चलाने की अनुमति मिलने की उम्मीद है।
बता दें कि दो वर्ष पूर्व शिक्षा विभाग ने जिले के 19 ऐसे गांव चिह्नित किए थे, जहां पर स्कूलों का अभाव था। पूरे जिले से विभाग ने सूची लेकर उच्चाधिकारियों को सौंपी थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है। जिले की शिक्षा व्यवस्था को सु²ढ़ करने का सरकार का यह एक बेहतर कदम है। इससे जिले की शिक्षा व्यवस्था को पंख लगने की उम्मीद है।
इन स्कूलों के चलने से ग्रामीण स्तर पर बच्चों के ड्रापआउट की संख्या में काफी कमी आएगी। वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने नूंह दौरे पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जिले में 19 स्कूल बनाने की पूरी जानकारी ली थी। उस समय विभागीय अधिकारियों ने जमीनी रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंपी थी। इन गांवों को मिलेगी सौगात :
जिले के जिन गांवों में 19 स्कूल खोले जाने हैं, उनमें फिरोजपुर झिरका के चंद्रूकाबास, बुधुबास, घटवासन, सीरसबास, लठमरबास, मालीबास, लटूरबास, कालूबास, खेड़ाबास, नगीना के दौलताबास, परोरीबास, बांदरबास, पुन्हाना के शमशाबाद खेंचातान, तावडू के सैनिका, मासिट, इंदिरा कॉलोनी, पीपाका कॉलोनी व नूंह के उलेटा, नंगला मेव गांव में शिक्षा विभाग द्वारा नए स्कूल बनाए जाएंगे। उम्मीद है कि आगामी एक जुलाई से इन सभी गांवों के सार्वजनिक स्थानों पर स्कूल शुरू हो जाएंगे। आगामी समय में पंचायत से जमीन लेकर स्कूलों की बिल्डिग बनाई जाएगी। शिक्षा को मजबूती :
शिक्षा विभाग द्वारा अधिकतर स्कूल गांवों में बनेंगे। ऐसे में साफ तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। वहीं दूसरी ओर ये स्कूल ऐसे गांवों में बनाए जा रहे हैं जहां से दूसरे सरकारी स्कूल काफी दूरी पर स्थित थे। ऐसे में स्कूलों में लगातार ड्रापआउट बच्चों की संख्या में भी इजाफा हो रहा था। लेकिन स्कूल बनने के बाद काफी हद तक गांवों में पढ़ाई का स्तर सुधरेगा। सभी गांवों से बच्चों की सूची तैयार :
जिले के इन सभी गांवों से विभाग ने प्राइमरी स्कूल में होने वाले बच्चों के दाखिले की सूची तैयार कर ली है। विभाग के आदेशों के बाद जुलाई में बच्चों के दाखिले के साथ ही कक्षाएं शुरू करा दी जाएंगी। जिले को जल्द ही 19 स्कूलों की सौगात मिलेगी। विभाग द्वारा स्कूलों को चलाने की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। अब केवल विभाग के आदेशों का इंतजार है। सरकार व विभाग ने पहले ही मंजूरी दी हुई है।
- कपिल पूनिया, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, नूंह निश्चित ही इन स्कूलों के चलने से ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। हमारा प्रयास शिक्षा के क्षेत्र में जिले का चहुमुंखी विकास कराना है। इसे ध्यान में रखकर हम आगे बढ़ रहे हैं।
- कैप्टन इंदू बोकन कसाना, जिला शिक्षा अधिकारी नूंह