पर्यावरण संरक्षण के दुश्मन बन रहे हैं खनन माफिया
बीती 5 जून को सभी ने पर्यावरण दिवस मनाया। लेकिन नूंह जिले में पर्यावरण के संरक्षण की बातें बेमानी साबित हो रही हैं। दरअसल उपमंडल से कुछ ही दूरी पर हरियाणा और राजस्थान के अरावली का एक बड़ा हिस्सा दोनों राज्यों की सीमाओं पर है। हरियाणा की अरावली में खनन कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। लेकिन कुछ खनन माफिया हरियाणा वन क्षेत्र में घुसकर खुलेआम अवैध खनन करने के साथ-साथ अरावली क्षेत्र की सूरत बिगाड़ रहे हैं।
अख्तर अलवी, फिरोजपुर झिरका
बीती 5 जून को सभी ने पर्यावरण दिवस मनाया, लेकिन नूंह जिले में पर्यावरण के संरक्षण की बातें बेमानी साबित हो रही हैं। दरअसल उपमंडल से कुछ ही दूरी पर हरियाणा और राजस्थान के अरावली का एक बड़ा हिस्सा दोनों राज्यों की सीमा पर है। हरियाणा की अरावली में खनन कार्य पूरी तरह से प्रतिबंधित है लेकिन खनन माफिया हरियाणा वन क्षेत्र में घुसकर खुलेआम अवैध खनन करने के साथ-साथ अरावली क्षेत्र की सूरत बिगाड़ रहे हैं। अवैध खनन से पहुंच रहा है पर्यावरण को नुकसान :
जिले के दर्जनभर से अधिक गांव ऐसे हैं जो अरावली क्षेत्र से घिरे हुए हैं। अधिकांश गांवों में आज भी अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। इसमें प्रमुख गांव बडेड, मंहू, तिगांव और बसईमेव तथा घाटा शमशाबाद आदि हैं। जानकारी मिली है कि यहां चोरी छीपे अधिकारियों की मिलीभगत से खनन किया जाता है। मतलब यहां सीधे तौर पर प्राकृतिक वातारण को असंतुलित किया जा रहा है।
एनजीटी के आदेशों की उड़ाई जा रही हैं धज्जियां :
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण और इसके कारण बिगड़ते पर्यावरण के संतुलन को लेकर राज्य सरकारों को चेता चुका है। लेकिन क्षेत्र में उड़ते धूल धुआं और अवैध खनन के मामलों को देखकर लगता है कि सरकारें एनजीटी के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं। बीते 25 मई को अवैध खनन के आरोप में पल्ला गांव के एक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया गया था। अवैध खनन करने वाले अरावली श्रृंखला के पेड़-पौधों को उजाड़ रहे हैं। विभाग द्वारा इस मामले पर गंभीरता से पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य किया जा रहा है।
- दलीप सिंह, वनमंडल अधिकारी, नूंह हमारी टीम को कहीं पर भी कोई अवैध खनन सामग्री लाता मिलता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हैं। जिले में खनन के लिए अलग से टीम गठित की गई है। जो समय-समय पर अवैध खनन करने वालों पर शिकंजा कसती है।
- बीडी यादव, जिला माइनिग अधिकारी नूंह