आजीविका मिशन से बदलेगी 20 गांवों की सूरत
स्वंय सहायता समहों के माध्यम से जिले में महिलाओं को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाएं जा रहे हैं। जिससे महिलाओं के जीवन में काफी परिवर्तन देखा जा रहा है। कभी चूल्हे-चौखट तक ही सीमित रहने वाली जिले की महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपनी भूमिका बखूबी निभा रही है। रोजगार के सीमित संसाधन होने के चलते आजीविका मिशन के माध्मय से महिलाओं को रोजगार के हर अवसर पैदा किए जा रहे हैं। ताकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी साधन संपन्न बन सके। इसी कड़ी में जिला आजीविका मिशन द्वारा जिले के 20 गांवों की सूरत बदलने के लिए एक सर्वे किया जा रहा है। सर्वे कार्य आगामी 10 जून तक पूरा हो जाएगा। सर्वे में
जागरण संवाददाता, नूंह : स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जिले में महिलाओं को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। इससे महिलाओं के जीवन में काफी परिवर्तन देखा जा रहा है। कभी चूल्हे-चौखट तक ही सीमित रहने वाली जिले की महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपनी भूमिका बखूबी निभा रही हैं।
रोजगार के सीमित संसाधन होने के चलते आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं को रोजगार के हर अवसर पैदा किए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी साधन संपन्न बन सकें। इसी कड़ी में जिला आजीविका मिशन द्वारा जिले के 20 गांवों की सूरत बदलने के लिए एक सर्वे किया जा रहा है। सर्वे कार्य आगामी 10 जून तक पूरा हो जाएगा। सर्वे में हर गांव की स्थिति का बारीकी से अवलोकन किया जा रहा है। इसके आधार पर ही महिलाओं को उनके गांवों में भी घर बैठे रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। सर्वे में जिले के सभी खंडों से चार-चार गांव लिए गए है। आगामी समय में गांवों की संख्या को बढ़ाने पर कार्य किया जाएगा।
बता दें, कि जिले में आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं के 2891 ग्रुप बनाए गए है। इनमें आज लगभग तीस हजार महिलाएं कार्य कर रही है। महिलाओं के लिए ओर अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए यह कदम उठाया गया है। महिलाओं को रोजगारपरक बनाने की ²ष्टि से यह कदम बहुत अहम माना जा रहा है। मार्केटिग के क्षेत्र में आगे बढ़ाने जोर :
आजीविका मिशन के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को मार्केटिग के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया है। महिलाओं इस क्षेत्र में मजबूती देने के लिए उनका घर बैठे कार्य शुरू कराया जाएगा। जिसके लिए एनसीआर की कई नामी कंपनियों के उत्पादकों पर कार्य किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर बैंकों के साथ जोड़कर सहायता राशि भी प्रदान कराई जाएगी। इन गांवों की महिलाओं को मिलेगा मौका :
वैसे तो जिले के लगभग हर गांव में स्वयं सहायता समूह बने हुए हैं, लेकिन इस बार मुख्य रूप से नूंह के मेवली, बीवा, संगेल व घासेड़ा, तावडू के मोहम्मदपुर अहीर, बिस्सर, चाहलका व हसनपुर, नगीना के भादस, मांडीखेड़ा, इमामनगर व गोहाना, फिरोजपुर झिरका के अगोन, दोहा, साकरस व अलीपुर तिगरा व पुन्हाना के तेड, अकबरपुर, शिकरावा व पिनगवां को शामिल किया है। इन सभी 20 गांवों में आगामी 10 जून तक सर्वे कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार के अवसर घर पर दिए जाएंगे। इस कार्य से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में काफी मदद मिलेगी।
- अब्दुल रब असरी, जिला प्रबंधक, आजीविका मिशन
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