म्यूजियम में रफ्तार भरेगा 105 वर्ष पुराना मार्शल रोड रोलर
1914 में बना यानि 105 वर्ष पुराना स्टीम इंजन से लैस मार्शल रोड रोलर अब तावडू के हेरीटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगा। इसको पश्चिम बंगाल के लोकनिर्माण विभाग से यहां लाया गया है। मई में इस का मॉडिफिकेशन होगा व फिर यह अपनी रफ्तार भरेगा। म्यूजियम क्यूरेटर रागिनी भट्ट ने बताया कि जिस तरह पहले स्टीम से रेलगाड़ियां चलती थी उसी तर्ज पर रोड रोलर भी चलते थे। यातायात के समकालीन इतिहास से लोग परिचित हो इसको लेकर म्यूजियम प्रबंधन प्रयासरत है। म्यूजियम ने अपने पांच वर्ष के अंतराल में पर्यटन क्षेत्र की उंचाईयों के नए आयाम स्थापित किए हैं। यह क्रम निरंतर चले इस ओर वह प्रयासरत
- 1914 में निर्मित मार्शल रोड रोलर पहुंचा म्यूजियम, मई से होगा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र संवाद सहयोगी, तावडू : 1914 में बना यानि 105 वर्ष पुराना स्टीम इंजन से लैस मार्शल रोड रोलर अब तावडू के हेरीटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगा। इसको पश्चिम बंगाल के लोक निर्माण विभाग से यहां लाया गया है। मई में इस का मॉडिफिकेशन होगा, फिर यह अपनी रफ्तार भरेगा।
म्यूजियम क्यूरेटर रागिनी भट्ट ने बताया कि जिस तरह पहले स्टीम से रेलगाड़ियां चलती थीं, उसी तर्ज पर रोड रोलर भी चलते थे। यातायात के समकालीन इतिहास से लोग परिचित हों, इसको लेकर म्यूजियम प्रबंधन प्रयासरत है। म्यूजियम ने अपने पांच वर्ष के समय में ही पर्यटन क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। यह क्रम निरंतर चले इस ओर वह प्रयासरत हैं।
उन्होंने कहा वर्तमान में म्यूजियम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। प्रदेश के उच्च स्तर के अधिकारी से लेकर प्रदेश के शिक्षा व पर्यटन मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा म्यूजियम का दौरा कर चुके हैं। सभी ने अपने अनुभवों ने म्यूजियम डायरी में साझा भी किया है। म्यूजियम की उपलब्धियां
गत वर्ष म्यूजियम को लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन व केंद्रीय पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने नेशनल अवार्ड देकर सम्मानित किया था। अमेरिकन कंपनी ट्रिप एडवाइजर ने विभिन्न श्रेणियों में पर्यटकों से म्यूजियम की राय लेने के पश्चात म्यूजियम को अवार्ड से नवाजा। प्रदेश की पर्यटन पत्रिका में भी म्यूजियम का नाम अंकित हो चुका है। यहां ट्राम भी है व जंग भी
पर्यटकों को म्यूजियम में सुशोभित 1921 में इंग्लैंड में बना केईआरआर स्टुअर्ट (29 टन) व 1953 में जर्मनी निर्मित जंग (38 टन) नाम का स्टीम इंजन खूब भा रहा है। वहीं ट्राम भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन रही है। जंग इंजन व ट्राम की पर्यटक सवारी का मजा ले रहे हैं।