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आग के आगोश में समा सकती हैं बगैर फायर एनओसी की इमारतें

के ये प्रतिष्ठान वर्षों से चल रहे हैं व प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। शायद प्रशासन को जिले में भी किसी बड़े हादसे का इंतजार है। व्यापार व व्यवसाय के मामले में जिला तेजी से प्रगति कर रहा है। कॉर्मसियल सहित घरेलू आवासीय परिसरों का निर्माण किया जा रहा है। हर ओर दो से तीन मंजिला इमारतें भी बन रही हैं। लेकिन आग से बचाव और सुरक्षा के पहलुओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। नि

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 04:31 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 06:44 AM (IST)
आग के आगोश में समा सकती हैं बगैर फायर एनओसी की इमारतें
आग के आगोश में समा सकती हैं बगैर फायर एनओसी की इमारतें

- आग से बंदोबस्त के सुरक्षा मापदंडों की उड़ रही धज्जियां

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- एडीएफओ जल्द करेंगे औचक निरीक्षण।

सुनील शर्मा, तावडू : कुछ समय पूर्व मुंबई के एक पब में हुए भीषण अग्निकांड के बाद भी नूंह प्रशासन सचेत नहीं हुआ है। जिले की अधिकांश व्यावसायिक भवनों व सरकारी कार्यालयों में आग से सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त तक नहीं हैं। बिना फायर एनओसी के ये प्रतिष्ठान वर्षों से चल रहे हैं व प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। शायद प्रशासन को जिले में भी किसी बड़े हादसे का इंतजार है।

व्यापार व व्यवसाय के मामले में जिला तेजी से प्रगति कर रहा है। व्यावसायिक सहित घरेलू आवासीय परिसरों का निर्माण किया जा रहा है। हर ओर दो से तीन मंजिला इमारतें भी बन रही हैं, लेकिन आग से बचाव और सुरक्षा के पहलुओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। निर्माण से पहले दमकल विभाग से एनओसी लेने की जहमत नहीं उठाई जाती।

जिले में अधिकांश इमारतें इसी तरह नियमों को ताक पर रखकर बनाई गई हैं। इसमें अधिकांश स्कूल, अस्पताल, होटल, शोरूम, मोबाइल टावर व यहां तक की सरकारी कार्यालय भी शामिल हैं। ऐसे में जीवन सुरक्षा के लिए भारत सरकार के भवन निर्माण को लेकर बनाए गए नेशनल बिल्डिग कोड के अंतर्गत हरियाणा अग्निशमन सेवा विधेयक 2009 के नियमों की जिले में सरेआम धज्जियां उड़ रही हैं। जिन नए भवनों की एनओसी जारी हो जाती है फिर उसका अधिकारी निरीक्षण करना मुनासिब नहीं समझते। सूत्रों ने बताया कि जिले के मात्र 5-10 प्रतिशत ही निजी अस्पताल व शोरूम ही फायर एनओसी से लैस हैं। भवन निर्माण को लेकर नियम

किसी भी प्रकार की इमारत निर्माण करने से पहले नक्शा बनाने के दौरान ही नगरपालिका द्वारा फायर ब्रिगेड से एनओसी लेना आवश्यक है। उस ब्रांच का दायित्व है कि शहर में बनने वाले भवन को कंपलीशन सर्टिफिकेट तब जारी किया जाए जब वह अग्निशमन विभाग के मापदंडों पर खरी उतरे। बावजूद इसके धड़ल्ले से शहर में बगैर फायर एनओसी के व्यावसायिक भवन बन रहे हैं। स्टाफ पर एक नजर :

जिले की लगभग 13 लाख की आबादी पर केवल 7 दमकल वाहन हैं। स्टाफ भी ऊंट के मुंह में जीरा समान है। दमकल विभाग के सब फायर ऑफिसर, फायरमैन व ड्राइवर के अलावा विभिन्न पदों पर लगभग 59 कर्मचारी नियुक्त है। इस स्थिति में आग पर काबू पाना कर्मचारियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। अग्निशमन विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप न चलने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर प्रशासन कड़ा संज्ञान लेगा। फायर एनओसी को लेकर रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है।

- पंकज, उपायुक्त, नूंह फरीदाबाद रेंज में पलवल व नूंह जिले आते हैं। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की फायर एनओसी को लेकर अभी हाल ही में अधीनस्थ अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। जल्द ही वह स्वयं भी नूंह जिले में निरीक्षण करने वाले हैं। जिन प्रतिष्ठानों संचालकों ने एनओसी नहीं ले रखी है उन पर हरियाणा फायर सर्विस एक्ट की धारा 35 के तहत नोटिस दिए जाएंगे व कड़ा एक्शन होगा।

- राजेंद्र दहिया, एडीएफओ, फरीदाबाद रेंज


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