जल संरक्षण की आदत ने बना दिया जल संरक्षण अधिकारी
जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन के जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा बचपन से ही जल संरक्षण के प्रति का संदिग्ध रहे हैं। पानी को व्यर्थ बहता देख बचपन से ही
जागरण संवाददाता, नारनौल : जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन के जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा बचपन से ही जल संरक्षण के प्रति काफी गंभीर रहे हैं। पानी को व्यर्थ बहता देख बचपन से ही उन्हें गंवारा नहीं रहा। अपने परिवार से जल संरक्षण की शुरुआत करने वाले मंगतुराम सरसवा आज जिलास्तर के जल संरक्षण अधिकारी बनकर लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहे हैं। गांव में जल संरक्षण का संदेश देते-देते कुछ युवाओं को इकट्ठा कर सामाजिक संगठन शिवालिक युवा मंडल से जुड़कर जागरूकता अभियान चलाने की ठानी और आज वे जिला महेंद्रगढ़ में पिछले 6 साल से जन स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर लोगों को जल संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। अक्सर लोगों को व्यर्थ पानी बहाते हुए देखा जाता है। बहुत कम लोग हैं जो जल संरक्षण पर गंभीर होते हैं। इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। परंतु गांव बड़वा निवासी मंगतुराम सरसवा जो जल एवं स्वच्छता अभियान में जिला सूचना शिक्षा एवं संचार सलाहकार पद पर कार्य करते हुए लोगों को जल बचाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मंगतुराम सरसवा पिछले 6 वर्षों से जिले के लोगों को जल संरक्षण का पाठ पढ़ा रहे हैं। गांव-गांव जाकर ग्राम पंचायतों को पानी का महत्व बता रहें हैं। उनके प्रयासों का परिणाम यह है कि अभी तक जिले की 60 ग्राम पंचायतों को जिला स्तर पर जल संरक्षण पुरस्कार से सम्मान मिल चुका है। वहीं 26 जनवरी 2015 को हरियाणा के जनस्वास्थ्य मंत्री द्वारा उन्हें जिला प्रशासन की ओर से जल संरक्षण सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। इससे पहले 15 अगस्त 2013 को पूर्व मंत्री प्रहलाद ¨सह गिल्लाखेड़ा व 15 अगस्त 2018 को विभाग की ओर से मंत्री कर्णदेव कंबोज ने भी मंगतुराम सरसवा को जल संरक्षण सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया था। उन्होंने बीआरसी शांतिप्रकाश के साथ मिलकर वर्ष 2012 में नलकूप हस्तांतरित 203 ग्राम पंचायतों को जल संरक्षण का प्रशिक्षण दे चुके हैं। वहीं जिले की 344 ग्राम पंचायतों में घर-घर जाकर लोगों को जल संरक्षण का संदेश देते हुए नलों पर टूंटी लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मंगतुराम सरसवा ने बताया कि दक्षिणी हरियाणा में ऐसी जगह के लोगों को जागरूक कर रहें हैं जहां पानी की किल्लत बहुत ही ज्यादा है। इस क्षेत्र को सरकार द्वारा डार्क जोन घोषित किया जा चुका है। लोगों के घरों में पेयजल आपूर्ति कम, पानी के प्रति बर्बादी को देखते हुए उन्होंने जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठा लिया। उनके प्रयासों से जिले की सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया गया। अभियान के तहत 180 ग्राम पंचायतों का सर्वे कर 16546 घरों के नल कनेक्शन वैध किये गये हैं। 3918 नलों पर टूंटियां व 96 लीकेज दुरुस्त करवाए गए हैं। इससे सरकार को 80 लाख 90 हजार 8 सौ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। उनके प्रयासों से पानी बर्बादी रुकी है।