पांच साल में नहरों में 200 क्यूसिक से बढ़कर 400 क्यूसिक आ रहा पानी
केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए जलशक्ति अभियान तथा दूसरे उपायों से पानी के संवर्धन संरक्षण व संचयन का ही नतीजा है कि जिला महेंद्रगढ़ में जलस्तर में हो रही गिरावट रुकने लगी है।
जागरण संवाददाता,नारनौल: केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए जलशक्ति अभियान तथा दूसरे उपायों से पानी के संवर्धन, संरक्षण व संचयन का ही नतीजा है कि जिला महेंद्रगढ़ में जलस्तर में हो रही गिरावट रुकने लगी है। पिछले दो दशक से लगातार रसातल में जा रहे जल का न केवल स्तर बरकरार रखा गया, बल्कि उसमें सुधार भी दर्ज हुआ है।
उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि पांच साल पहले जहां महेंद्रगढ़ जिला के मध्य तक 200 क्यूसिक पानी पहुंचता था, वहीं अब 400 क्यूसिक पानी पहुंच रहा है। डीसी ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में इस बार बारिश के सीजन के दौरान नहरों में लगातार 100 दिन तक पानी चला है। मध्य हरियाणा को इस सीजन में पानी की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में उस पानी को जिला की अंतिम टेल तक पहुंचाने का काम हुआ है। इसके अलावा दोहान व कृष्णावती नदी में इस पानी को लगातार डाला गया है। इन दोनों नदियों में 50 से अधिक इंजेक्शन प्रणाली लगाई गई हैं। इनसे पानी को जमीन के अंदर अधिक से अधिक मात्रा में उतारा गया है।उन्होंने कहा कि हमें अभी इस परिणाम से संतुष्ट नहीं होना है। नांगल चौधरी क्षेत्र में कई छोटे-छोटे बांध हैं। उनसे भी काफी फायदा हुआ है। अब इस क्षेत्र के सात बांधों को ऊंचा करके पींचिग कराई जाएगी, ताकि अधिक से अधिक मात्रा में पानी का संचयन हो सके। अब सरकार ने खेत जलघर योजना भी शुरू की है जिनके माध्यम से सामुदायिक या व्यक्तिगत खेत तालाब बनाने पर सरकार 85 फीसदी तक अनुदान दे रही है। इस तालाब से आसपास के किसान अपने खेतों की सूक्ष्म सिचाई प्रणाली से सिचाई कर सकते हैं।
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जल स्तर की सही रिपोर्ट के लिए विभाग जल्द विभिन्न हिस्सों में लगाएगा पीजोमीटर
नारनौल: जलस्तर के संबंध में सिचाई एवं जल संसाधन विभाग के एक्सईएन नितिन भार्गव ने बताया कि इस बार सबसे अधिक मात्रा में नहरी पानी जिला में पहुंचा है। इसके अलावा इस बार बारिश भी अच्छी हुई है। पहली बार देखने में आया है कि नारनौल जैसे शुष्क क्षेत्र में जलस्तर बढ़कर अंडरग्राउंड भवनों में पानी भर गया। यहां पानी का स्तर बहुत नीचे था, लेकिन इस बार विभिन्न स्तर पर पानी का संचयन होने से शहर के कई हिस्सों पानी का स्तर बहुत अच्छा हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पानी की उपलब्धता होने के साथ ही किसान अब पानी का अधिक उपयोग करने लगे हैं। यह ठीक नहीं है।उन्होंने बताया कि विभाग जल्द ही पीजोमीटर विभिन्न स्थानों पर लगाएगा। इसके बाद आने वाले समय में जल स्तर की सही रिपोर्ट हमें मिल सकेगी।
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जिले में वर्तमान में भूमिगत जल स्तर
अटेली ब्लाक
बाछौद 75 मीटर है।
चंदपुरा 73.1
पृथ्वीपुरा 73.5
अटेली 81 मीटर है।
कनीना ब्लाक
चेलावास 42.1
नांगल मोहनपुर 52
सेहलंग 38
उच्चत 22.36 है।
ब्लाक महेंद्रगढ़
कोथल खुर्द 18.85
पाली 39.5
कुराहवटा 62.5
निहालावास 112.8 मीटर।
नारनौल ब्लाक
गोद बलावा 78
खोडमा 97
नारनौल 19.45
रघुनाथपुरा 32.7 है।
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ब्लाक नांगल चौधरी
नांगल कालिया 54.45
सैदअलीपुर 36.1
दताल 36.2 मीटर हो गया है।
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ब्लाक सिहमा
गुवाणी 53.5
हुडिना में 64.56
मुंडिया खेड़ा 69.5 है।
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ब्लाक निजामपुर
धानोता 41.9
गांवडी जाट 21.8
पाचनोता 19.2
बामनवास 55.45 मीटर है।
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ब्लाक सतनाली
बारडा 60.5
नावा 65.6
नांगल माला 67.5
सोहला 64.5 मीटर पर बरकरार है।