क्रशर जोन में उड़ती धूल से बीमारी का खतरा
बायल क्रशर जोन में उड़ती धूल से ग्रामीणों में बीमारी का खतरा बढ़ रहा है।
संवाद सहयोगी, नांगल चौधरी :
बायल क्रशर जोन में उड़ती धूल से ग्रामीणों में बीमारी का खतरा उत्पन्न हो गया है। क्रशरों से उड़ने वाली धूल में ग्रामीणों का सांस लेना मुश्किल बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चिकित्सकों की टीम भी क्रशर जोन की धूल को ग्रामीणों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बताया है। इसके बावजूद यहां नियम विरुद्ध क्रशरों का संचालन किया जा रहा है। पंचायत ग्रामीणों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हुआ है। क्रशर जोन की डस्ट से बिगड़ते स्वास्थ्य से अब ग्रामीणों में रोष पनपने लगा है।
बिना अनुमति के ही चल रहे कई क्रशर :
ग्रामीणों ने बताया कि जोन में करीब 45 क्रशर संचालित है। इसमें से डेढ़ दर्जन क्रशर बिना किसी अनुमति के ही चल रहे हैं। विभाग से इन क्रशरों को सिर्फ स्थापित करने की अनुमति है लेकिन करीब दो वर्षो से निर्माण के बाद से ये सभी क्रशर संचालित किए जा रहे हैं। ग्रामीण इनकी शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
क्षमता से अधिक लगी है मशीनें : पत्थर पिसाई यूनिटों पर अनुमति के अनुरूप ही क्षमता की मशीनें लगाई जा सकती हैं। यहां कई संचालकों ने कम समय में अधिक माल तैयार करने के लिए अनुमति से अधिक क्षमता की मशीनें लगाई हुई हैं। जिससे धूल के गुबार उड़ते रहते हैं।
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मैं तीन दिन पहले बायल जोन में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। इस दौरान अधिकतर क्रशर बंद मिले थे। इनका केस भी एनजीटी में चल रहा है। इनके मानदंड तय करने के लिए भी टेक्निकल एडवाइजर कमेटी को पत्र भेजा हुआ है। नियम विरुद्ध संचालन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-मोहित मुदगिल एसडीओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड धारूहेड़ा।