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ग्रामीण क्षेत्र को टोकन में दिखाया जा रहा शहरी, लोगों ने जताया विरोध

जमीनी रजिस्ट्री के लिए गांवों के टोकन भी शहर में दिखाए जाने के कारण आज बौचड़िया व गढी रूथल के ग्रामीणों की नाराजगी का बांध टूट गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 06:55 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 06:55 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्र को टोकन में दिखाया जा रहा शहरी, लोगों ने जताया विरोध
ग्रामीण क्षेत्र को टोकन में दिखाया जा रहा शहरी, लोगों ने जताया विरोध

संवाद सहयोगी, मंडी अटेली :

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जमीनी रजिस्ट्री के लिए गांवों के टोकन भी शहर में दिखाए जाने के कारण आज बौचड़िया व गढी रूथल के ग्रामीणों की नाराजगी का बांध टूट गया। उन्होंने तहसील परिसर में नारेबाजी कर विरोध जताया। बौचड़िया के ग्रामीण जिसकी गढ़ी रूथल में भूमि पड़ती है। उसकी रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन टोकन निकलवा लिया। रजिस्ट्री लिखवा ली गई, जब रजिस्ट्री करवाने पहुंचे तो नायब तहसीलदार ने टोकन पर शहरी क्षेत्र लिखा देखा तो टाउन प्लानिग से एनओसी लाने की बात कही। ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव तो शहर से 8 किलोमीटर से अधिक दूरी पर है। ऐसे में उनकी रजिस्ट्री होनी चाहिए। टाउन प्लानिग ने शहर के आस-पास के गावों की जो सूची भेजी है। वह अधिक दूर स्थित गांवों को भी शामिल कर लिया गया है, जिससे यह विरोध हुआ। नायब तहसीलदार सतपाल ने बताया कि शहर क्षेत्र के 8 किलोमीटर दायरे में एक एकड़ से कम भूमि की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध किया हुआ है। इसके लिए टाउन प्लानिग की एनओसी जरूरी शर्त है। गढ़ी रूथल की जो रजिस्ट्री का मामला है। उनके कूपन पर शहरी क्षेत्र लिखा हुआ है। ऐसे में वे इस रजिस्ट्री को नहीं कर सकते है। इसी गांव की सूबेसिंह, नित्यानंद 14 सितंबर को एक रजिस्ट्री लेकर उनके पास आये थे। टोकन में शहरी क्षेत्र लिखा हुआ था। उन्होंने इस रजिस्ट्री के मार्ग दर्शन के लिए जिला योजनाकार को पत्र लिखकर मार्ग दर्शन मांगा, लेकिन उनको आज तक मार्ग दर्शन नहीं मिला है। नियमानुसार वे शहरी क्षेत्र में एक एकड़ से कम भूमि की रजिस्ट्री नहीं कर सकते है। रजिस्ट्री करवाने आये लोगों को उन्होंने समझाया लेकिन वे मानने को तैयार नहीं है। सेक्शन 7ए ऑफ एक्ट 1975 के तहत हरियाणा सरकार ने शहरी क्षेत्र के 8 किलोमीटर दायरे में एक एकड़ से कम भूमि की रजिस्ट्री बंद की हुई है। उन्होंने टाउन प्लानिग कार्यालय से ऐसे गांवों की सूची मांगी हुई है जो अब तक नहीं मिली है। लोग आए दिन हमें आकर परेशान कर रहे है।


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