गर्मी और उमस से परेशान, बारिश का इंतजार
क्षेत्र के किसानों ने खेतों में बाजरे की बिजाई भी कर दी परंतु अब बारिष नहीं होने से परेशान हैं।
संवाद सहयोगी, सतनाली :
क्षेत्र के किसानों ने खेतों में बाजरे की बिजाई भी कर दी परंतु अब बारिश न होने के कारण परेशानियां बढ़ा दी हैं। जुलाई माह मानसून का माना जाता है जबकि प्री मानसून की शुरुआत 20 जून के आसपास हो जाती है परंतु पिछले एक पखवाड़े से मौसम की करवट के चलते गर्मी के तेवर तीखे होते जा रहे हैं। न्यूनतम व अधिकतम तापमान में केवल 10 डिग्री का अंतर है।
किसानों के बिगड़े समीकरण :
किसान जून अंत में अच्छी बरसात होने की उम्मीद जता रहे थे। अब बाजरे व कपास की फसल बरसात के पानी के अभाव में झुलसने लगी है। ऐसे में किसान अपनी फसल का हाल देखकर चिंतित नजर आ रहा है। किसान सुरेंद्र, किशनलाल, सुनील, मोहन सिंह आदि ने बताया कि बरसात के अभाव में किसानों की फसलें प्रभावित हो रही है तथा उनकी फसलें गर्मी में झुलसने लगी है। कोरोना संक्रमण से बाजार में पहले ही मंदी छाई हुई है और अब गर्मी ने रही सही कसर पूरी कर दी है। कस्बे के बाजार दोपहर के बाद सुनसान नजर आ रहे है। दुकानदार एसी चलाकर खाली बैठे है। जिन दुकानों के अंदर एसी नहीं है वो दोपहर को अपनी दुकानें बंद कर आराम करने के लिए घर जा रहे है। अब बरसात होने के बाद ही गर्मी व उमस से राहत मिलेगी।
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बरसात न होने से फसलों पर प्रभाव पड़ रहा है लेकिन किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान के अनुसार दो दिनों के अंदर बरसात दस्तक दे सकती है। वहीं आने वाले जुलाई में अच्छी बरसात होने की उम्मीद है। अगर फसलें झुलस रही है तो शाम के समय फसलों में पानी दें।
--डॉ. नवीन कुमार, कृषि विकास अधिकारी, सतनाली।