ठेके में सेल्समैन को जलाने वाले आरोपित काबू, भेजे गए जेल
गांव जाखनी में 20 मई को देसी शराब के ठेके में आग लगाने पर सेल्समैन की हत्या मामले में पुलिस ने राजेश पुत्र कैलाश सुभाष उर्फ गोसिया पुत्र अमीलाल निवासी जैलाफ को सीआइए नारनौल ने अलग-अलग गांव से गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया हुआ हैं।
जागरण संवाददाता, नारनौल :
गांव जाखनी में 20 मई को देसी शराब के ठेके में आग लगाने पर सेल्समैन की हत्या मामले में पुलिस ने राजेश पुत्र कैलाश एवं सुभाष उर्फ गोसिया पुत्र अमीलाल निवासी जैलाफ को सीआइए नारनौल ने अलग-अलग गांव से गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया हुआ है। आरोपित राजेश को रिमांड अवधि खत्म होने के बाद रविवार को नारनौल में ड्यूटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से आरोपित को अदालत ने न्यायिक हिरासत भेज दिया। गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस की आरोपितों से मिलीभगत होने के आरोप में ग्राम जाखनी के लोगों ने नेशनल हाइवे पर जाम लगाने के बाद नारनौल बाइपास को भी जाम किया था। ग्रामीणों का सीधा आरोप था कि पुलिस आरोपितों को बचा रही है।
पुलिस प्रवक्ता नरेश कुमार ने बताया कि राजस्थान के सीमावर्तीय गांव जाखनी में पथाना गांव निवासी बलबीर सिंह ने इसी वर्ष देशी शराब का ठेका लिया हुआ था। जो ठेके पर जाखनी निवासी ओमप्रकाश पुत्र रामजीलाल को सेल्समैन के लिए शराब के ठेके पर रखा हुआ था। आरोपित राजेश ने शराब के ठेके के पास ही होटल किया हुआ था। राजेश ने दूसरे आरोपित सुभाष के साथ मिलकर बलबीर ठेकेदार के मन में दहशत फैलाकर भगाने का प्लान बनाया, ताकि यह ठेका राजेश को मिल जाए। पहले तो इन्होंने बलबीर के हाथ पांव तोड़ने का प्लान बनाया, जो फेल हो गया। फिर इन्होंने ठेका जलाने का प्लान बनाया और इसलिए इन्होंने गांव के अन्य लड़कों को भी साथ लिया। जो गत 19 मई की रात को सुभाष, राजेश के साथ धर्मबीर और रूपचंद निवासी जैलाफ ने ठेके में आग लगाने की कोशिश की, जो कामयाब नहीं हुए। फिर अगले दिन 20 मई की रात में आरोपित सुभाष व इसके साथी राजेश, सचिन और सुमेर चारों दो मोटर साइकिलों पर बैठकर आए और अपने साथ लाए पेट्रोल से भरी बोतलों व बाल्टी से शराब के ठेके में डालकर आग लगा दी और फिर भाग गए। आग लगने से ओमप्रकाश सेल्समैन बुरी तरह झुलस गया, जिसको उपचार के लिए जयपुर अस्पताल दाखिल कराया गया। उपचार के दौरान ओमप्रकाश की करीब 10 दिन बाद अस्पताल में मौत हो गई।
इस जघन्य अपराध में नामजद आरोपितों के खिलाफ थाना सदर नारनौल में अलग-अलग धाराओं में अभियोग दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू की गई थी।
पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि ठेका जलाने से पहले वहां की रेकी की गई थी। जहां यह ठेका था, जब ठेके की लाइट बंद हो गई और इनको लगा कि ठेके के अंदर कोई नहीं है, ये सोचकर आग लगा दी कि ठेकेदार बलबीर डर के मारे यह ठेका छोड़ देगा। आग लगाने के बाद भाग गए, जो अंदर ठेके में सो रहा ओमप्रकाश जब तक संभल पाता, आग से बुरी तरह झुलस गया और उपचार के समय ओमप्रकाश की मौत हो गई थी।
इस केस के मुख्य आरोपितों राजेश, सुभाष, सचिन व सुमेर की गिरफ्तारी पर पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन ने पत्र लिखकर 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित करवाने के लिए एडीजीपी साउथ रेंज के माध्यम से हरियाणा सरकार को सिफारिश की थी। जो इन चारों आरोपितों को एडीजीपी ने पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन कि सिफारिश पर इनकी गिरफ्तारी पर नकद इनाम देने की घोषणा की थी, जिसको सीआइए टीम ने काबू कर लिया।