21 दुकानदारों को नोटिस भेजने से हड़कंप
खुशी और गम सदा साथ साथ चलते आए हैं। यह कहावत कनीना में बनने वाले न्यायिक परिसर और प्रशासनिक भवन को लेकर देखने में मिल रही है। करीब 21 दुकानदारों को खोखे हटाने के नोटिस जारी हो चुके हैं जबकि पंचायत समिति द्वारा 154 दुकानदार बस स्टैंड के आसपास अपनी दुकानों में जमे हुए हैं।
संवाद सहयोगी, कनीना: खुशी और गम सदा साथ साथ चलते आए हैं। यह कहावत कनीना में बनने वाले न्यायिक परिसर और प्रशासनिक भवन को लेकर देखने में मिल रही है। करीब 21 दुकानदारों को खोखे हटाने के नोटिस जारी हो चुके हैं, जबकि पंचायत समिति द्वारा 154 दुकानदार बस स्टैंड के आसपास अपनी दुकानों में जमे हुए हैं। उनको भी अब डर लगने लगा है कि कहीं उनकी भी दुकानें तो नहीं हटाई जाएंगी। एक वर्ष पहले भी 154 दुकानदारों को नोटिस जारी किए गए थे। इन दुकानदारों ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी। तत्पश्चात 1 वर्ष के बाद फिर से ये नोटिस 21 दुकानदारों को दिए गए हैं। दुकानदार रविद्र, लाल सिंह, राम भगत, मनोज, जयवीर छितरोली, अशोक कुमार आदि ने बताया कि उनको पंचायत समिति द्वारा नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इनमें स्पष्ट लिखा है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार पंचायत समिति की कुल भूमि 54 कनाल 6 मरला है। जिस पर उपमंडल अधिकारी कार्यालय कनीना का परिसर बनाना स्वीकृत हो चुका है। पंचायत समिति कनीना ने अपनी कुल भूमि 54 कनाल 6 मरला उपमंडल अधिकारी नागरिक को निर्माण के लिए दे दी है। इसलिए आदेश दिया जाता है कि पत्र प्राप्ति के एक सप्ताह के अंदर-अंदर अपनी पंचायत समिति कनीना की दुकान, दूसरे भवन व खोखा को हटाना सुनिश्चित करें। यदि समय पर नहीं हटाया जाता तो पंचायत समिति इनको हटवाएगी जिसके नुकसान के जिम्मेदार दुकानदार स्वयं होंगे। इस प्रकार का नोटिस मिलते ही कुछ दुकानदारों के होश उड़ गए हैं। इधर-उधर हाथ पैर मार रहे हैं कितु ने अब कोई चारा नजर नहीं आता।
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क्या कहते हैं खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी
खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी देशबंधु से बात हुई। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को उन्होंने खोखे दे रखे थे,उन्हें नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इनकी संख्या करीब 21 है। ये केवल वहीं व्यक्ति हैं, जिनको जगह नहीं दी थी, अपितु खोखा रखने की अनुमति दी थी।
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क्या कहते हैं कनीना पालिका प्रधान
दुकानों का मसला पंचायत समिति का है, कितु यदि ये दुकानदार प्रभावित होते हैं और उनके खोखे व दुकानें हटाई जाती हैं तो नगरपालिका की पूरी सहानुभूति उनके साथ होगी और कहीं भी कांप्लेक्स बनाकर उनको दुकानें दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि नगर पालिका खुद चाहती है कि यदि कोई इस प्रकार से न्यायिक परिसर निर्माण में दुकानदार प्रभावित होता है तो उसकी रोटी रोजी को बरकरार रखने का प्रयास किया जाए।
--सतीश जेलदार,
चेयरमैन,
नगर पालिका कनीना।