सोशल मीडिया पर छाया रहा तूफान, दिनभर मौसम साफ
जागरण संवाददाता, नारनौल : जिले में सोमवार को दिनभर मौसम में कोई तब्दीली नहीं दिखी। न तो बर
जागरण संवाददाता, नारनौल :
जिले में सोमवार को दिनभर मौसम में कोई तब्दीली नहीं दिखी। न तो बरसात आई और न ही तूफ़ान। यह बात अलग है कि वाट्सएप व फेसबुक पर तूफान दिनभर छाया रहा। तूफान आने व इसकी स्थिति को लेकर दिनभर चर्चा चलती रही। वाट्सएप पर तूफान को लेकर तरह-तरह के मैसेज चलते रहे। इन मैसेजेज पर टिप्पणियां भी की जाती रही। कुछ लोग समाचार पत्रों के कार्यालयों में फोन कर तूफान की स्थिति भी जानने का प्रयास करते रहे। वाट्सएप पर राजस्थान के जैसलमेर व बाड़मेर का बताते हुए वायरल किया गया वीडियो सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा। तूफान की स्थिति को लेकर तरह तरह के दावे भी किए जाते रहे।
दूसरी ओर, प्रदेशभर में अंधड़ के हाईअलर्ट के चलते सोमवार को सभी सरकारी और अधिकांश निजी स्कूल बंद रहे। ग्रामीण क्षेत्र में कुछ निजी स्कूल संचालकों ने शिक्षा विभाग के आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया और सामान्य दिनों की तरह स्कूल का संचालन किया। दूसरी ओर, आदेशों के असमंजस में नौनिहाल स्कूल बस के स्टैंड पर भी पहुंच गए, लेकिन बाद में पता चला कि आज अवकाश घोषित किया गया है तो लौट गए। प्रदेश सरकार ने रविवार देर शाम पत्र जारी कर छुट्टी करने की घोषणा की थी। इसके बाद स्कूल संचालकों ने अभिभावकों को मोबाइल पर मैसेज भेजकर छुट्टी के बारे में अवगत करा दिया था, लेकिन कई निजी स्कूलों के विद्यार्थी दिनचर्या के अनुसार तैयार होकर बस स्टॉप पर आकर खड़े हो गए। बाद में बस नहीं आने पर घर वापस जाना पड़ा। सरकारी स्कूल जिले में पूरी तरह बंद रहे।
महेंद्रगढ़ संवाददाता के अनुसार महेंद्रगढ़ के सभी सरकारी स्कूल और सभी निजी स्कूल बंद रहे। निजी स्कूलों ने विभाग के आदेशों को मानते हुए स्कूल बंद रखे।
संवाद सहयोगी मंडी अटेली के अनुसार क्षेत्र के कुछ निजी स्कूलों ने सरकार के आदेशों को रद्दी की टोकरी में डाल सोमवार को स्कूल खोला। हालांकि स्कूल समय तक तूफान नहीं आने से कोई बड़ी घटना नहीं घटी लेकिन चेतावनी के बाद भी स्कूल लगाने से शिक्षा विभाग के आदेशों पर ही सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
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वर्जन:
चेतावनी के बाद भी स्कूल चलाना गंभीर मामला है। स्कूल संचालकों की तो गलती है ही लेकिन अभिभावकों का भी अपने लाडले के प्रति सचेत नहीं होना गलत है। ऐसे स्कूलों पर शिकंजा कसने के लिए खुद निरीक्षण कर रहा हूं। अभिभावकों को तो कम से कम सचेत रहना चाहिए।
-मुकेश लावणिया, जिला शिक्षा अधिकारी, नारनौल।