स्कूलों में नेटवर्क की दिक्कत से परेशान शिक्षक
बिना विद्यार्थियों के स्कूल लग रहे हैं। जो काम अध्यापक घर पर करते थे वह काम अब स्कूलों में करना पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी, कनीना:
बिना विद्यार्थियों के स्कूल लग रहे हैं। जो काम अध्यापक घर पर करते थे वह काम अब स्कूलों में करना पड़ रहा है। नेटवर्क की दिक्कत के चलते विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने में दिक्कतें आ रही हैं। शिक्षकों का कहना है कि घर पर अक्सर अधिकांश शिक्षक शहर कस्बे के पास रहते हैं जहां से नेट बेहतर कार्य करता है और विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ा रहे थे। अब स्कूलों से ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है तो जहां अधिकांश बहुत से गांव में तो नेट काम नहीं करता इसलिए घंटों मोबाइल पर बैठे रहते हैं और बैटरी डाउन चली जाती है। जो कार्य घर से भी कराया जा सकता था वह स्कूलों में किया जा रहा है लेकिन नेटवर्क की दिक्कत से पूरा दिन परेशानियों में बीत रहा है। कनीना खंड के एक स्कूल की शिक्षिका का पति कोरोना पाजिटिव है। समस्या यह बन गई है कि यदि वह शिक्षिका स्कूल में आएगी तो स्टाफ को संक्रमित होने का खतरा रहता है। इसी प्रकार कुछ गांव ऐसे हैं जहां कोरोना के कई कई केस हैं और वहां पर शिक्षकों को जाना पड़ता है। शिक्षकों के पास किसी प्रकार के सुरक्षा किट नहीं दी गई है। उन्हें उन स्कूलों में जाना पड़ रहा है जहां कोरोना काल में बहुत से लोग ठहरे थे। ऐसे में यदि कोई श्रमिक वहां कोरोना के समय पॉजिटिव रहा होगा तो ऐसे कमरों में बैठकर काम करना जोखिम भरा साबित हो सकता है।
अभिभावक दिनेश कुमार, राम सिंह, दयाराम, धर्मवीर आदि ने बताया कि अभी किसी हाल में अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं।
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विभागीय दिशा निर्देशों का पालन तो करना होगा। मास्क पहनकर स्कूल आने, हाथों को सैनिटाइज करते रहने, शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है। किसी को कोई दिक्कत है तो लिखित में शिकायत आने पर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
- अभयराम यादव, खंड शिक्षा अधिकारी, कनीना।