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ई-पंचायत प्रणाली के विरोध में सड़क पर उतरे सरपंच व ग्राम सचिव

जागरण संवाददाता, नारनौल: जिले के सरपंचों एवं ग्राम सचिवों ने बृहस्पतिवार को सड़क पर उतर

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 04:50 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 04:50 PM (IST)
ई-पंचायत प्रणाली के विरोध में सड़क पर उतरे सरपंच व ग्राम सचिव
ई-पंचायत प्रणाली के विरोध में सड़क पर उतरे सरपंच व ग्राम सचिव

जागरण संवाददाता, नारनौल: जिले के सरपंचों एवं ग्राम सचिवों ने बृहस्पतिवार को सड़क पर उतरते हुए ¨सघाना रोड स्थित बीडीपीओ कार्यालय से लघु सचिवालय तक जोरदार नारेबाजी करते हुए रोष प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में ई-पंचायत प्रणाली लागू करने और रेवाड़ी के ग्राम सचिव को नौकरी से निलंबित करने के विरोध में था। लघु सचिवालय में सरपंचों ने उपायुक्त को सीएम के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा।

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इससे पूर्व सरपंच वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने पंचायतों पर ई-प्रणाली थोप कर गलत कार्य किया है। इसके विरोध में गत 18  मार्च से सरपंचों ने सांकेतिक तौर पर कार्य करने बंद कर दिए हैं और सरकार नहीं मानी तो आगे भी असहयोग जारी रखेंगे और पंचायतों का रिकार्ड भी नहीं देंगे। अगर किसी गांव की पानी की मोटर खराब हो जाए तो सरपंच को पहले इसकी ई-प्रणाली पर सूचना अपलोड  करनी होगी और फिर इसकी मंजूर का इंतजार करना होगा। तब तक ग्रामीणों को प्यासा ही मरना पड़ेगा। इतना ही नहीं, गांव में अगर नालियों का निर्माण कराना है या अन्य छोटे से छोटे की भी ई-प्रणाली पर जानकारी देनी होगी। इससे सरपंचों का कार्य प्रभावित होगा। ई-पंचायत प्रणाली ग्राम विकास में बाधक है तथा इसे पूर्ण तौर से खारिज करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इसे खारिज नहीं किया गया और रेवाड़ी  के ग्राम सचिव श्रीभगवान को बहाल नहीं किया गया तो 28  मार्च को मुख्यमंत्री निवास जाकर धरना-प्रदर्शन करेंगे।

प्रदर्शनकारी सचिवालय जाकर मुख्य गेट पर धरना देकर बैठ और डीसी  को मौके पर आकर ज्ञापन लेने की मांग की। उन्हें एसडीएम  को ज्ञापन देने के लिए कहा गया, मगर वे डीसी  को बुलाने की जिद पर अड़ गए तथा वहीं धरना देकर बैठ गए। कुछ देर भाषणबाजी एवं नारेबाजी चलने के बाद उपायुक्त डा. गरिमा मित्तल  सचिवालय पहुंची, जहां उन्हें सरपंचों व ग्राम सचिवों ने मिलकर ज्ञापन सौंपा।

इस मौके पर सरपंच विष्ण डाबड़,  रवींद्र गागड़वास,  सुभाष चंद्र भाशु,  पूर्व सरपंच राधेश्याम गोमला,  पूर्व सरपंच बॉबी  पटीकरा,  सेखपुरा  के सरपंच एडवोकेट शुभराम  सैनी, सुरजीत ¨सह, कंवर  ¨सह खानपुरिया,  मनोज शर्मा भांखरी,  अमर ¨सह कमानियां,  राजेंद्र भूंगारका,  राजेश कुमार, संतोष कुमार, कर्ण¨सह, सुंदरपाल,  मनोज कुमार, नरेश गहली,  सुरेश कुमार, नरेंद्र, महीपाल कांवी  समेत अनेक सरपंच एवं ग्राम सचिव मौजूद रहे। सरपंचों द्वारा ज्ञापन में उठाई गई प्रमुख मांगें :

हरियाणा पंचायती राज एक्ट 1994  को पूर्णतया लागू किया जाए। ग्राम सचिव की शैक्षणिक योग्यता स्नातक की जाए। वेतनमान पटवारी के समान ग्रेड पे 2400  के हिसाब से निर्धारित किया जाए। माननीय सांसदों एवं विधायकों की तरह यात्रा भत्ते व दैनिक भत्ते दिए जाएं। ग्राम सचिवों के 20  रुपये मासिक वाहन भत्ते को बढ़ाकर 5000 रुपये किया जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरों की तर्ज पर गांवों में भी लागू की जाए। ग्राम पंचायतों को पर्याप्त वित्तीय फंड दिए जाएं। सरपंच को 30  हजार और पंच को 10 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाए। रिटायरमेंट पर पेंशन लागू की जाए और 50  लाख रुपये का जीवन बीमा सरकार कराए।


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