पालिका प्रधान पद के लिए गोटियां बैठाने की भागदौड़ शुरू
संवाद सहयोगी, कनीना : कनीना पालिका के 13 मई को संपन्न चुनाव के बाद विभिन्न गुट अपना-अपना
संवाद सहयोगी, कनीना : कनीना पालिका के 13 मई को संपन्न चुनाव के बाद विभिन्न गुट अपना-अपना प्रधान बनाने के लिए भागदौड़ में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जहां भाजपा समर्थित पार्षद अपना प्रधान बनाने के लिए पुरजोर एक किए हुए हैं। वहीं पूर्व प्रधान मास्टर दिलीप ¨सह तथा राजेंद्र ¨सह लोढ़ा गुट भी अपने-अपने प्रधान बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सभी गुट जी-जान एक करके जुटे हुए हैं। जहां विभिन्न नेताओं से मिलकर अपना-अपना दावा पेश करने के लिए तैयार बैठे हैं, वहीं पालिका प्रधान की तारीख तय करने का भी बेसब्री से इंतजार है। दूसरी और कनीनावासी यह चाहते हैं कि जिस प्रकार 13 मई को पालिका के चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हो गई, उसी प्रकार पालिका प्रधान का चुनाव भी शांतिपूर्वक संपन्न हो जाए तो यह क्षेत्र में मिसाल कायम हो जाएगी। अभी तक जो पालिका प्रधान बने तथा जब-जब पालिका चुनाव हुए, तब तब कोई न कोई झगड़ा या छिटपुट घटना जरूर होती आई है, ¨कतु इस बार पालिका प्रधान के चुनाव में कोई झगड़ा नहीं हुआ है जो अपने आप में एक मिसाल है।
उल्लेखनीय है कि कहने को तो भाजपा समर्थित पार्षद भी जीते हैं, ¨कतु पालिका के 13 वार्डों में कम से कम 7 पार्षदों का समर्थन मिलना जरूरी है। भाजपा समर्थित प्रत्याशी जोड़-तोड़ की नीति में लगे हुए और सात पार्षद तैयार कर रहे हैं। वैसे तो इस बार बारह पार्षद नए चेहरे के रूप में आए हैं। इनमें से कुछ अपने आपको प्रधान पद के काबिल समझते हुए जी-जान एक करने लगे हैं, वहीं पर वयोवृद्ध पूर्व पालिका प्रधान मा. दिलीप ¨सह अपने आपको सबसे ज्यादा दावेदार मानते आ रहे हैं। एक और जहां राजेंद्र ¨सह लोढा़ चुनाव मैदान में हार गए हैं, वहीं उनके गुट के जीते हुए पार्षद भी अपना प्रधान बनाने की जीत का दावा कर रहे हैं। वे मानते हैं कि उनके पास पर्याप्त पार्षद है और वे ही प्रधान बनाएंगे।
कनीना पालिका चुनाव में सबसे अधिक पढ़ी-लिखी मंजू यादव जीतकर आई है वे भी पालिका प्रधान की दौड़ में है। वहीं वार्ड दो की संतोष यादव सबसे अधिक मतों से जीत कर आई है वे भी पालिका प्रधान पद की दौड़ में है। राजेंद्र ¨सह लोढ़ा को हराने वाले अशोक ठेकेदार भी अपने आप को पालिका प्रदान की दौड़ में बताते हैं वहीं पर मनीष कुमार एवं अन्य जीतने वाले पार्षद भी अपने अपने को पालिका की दौड़ में शामिल समझते हैं।
अब यह तो वक्त बताएगा और तारीख तय होने पर ही फाइनल हो पाएगा कि कौन साबुत सा गुट अपना प्रधान बनाने में कामयाब रहता है। वैसे कनीना वासियों को अब बेसब्री से प्रधान बनाने की तारीख का इंतजार है।