रक्षाबंधन पर बहनों ने रोडवेज का उठाया जमकर लाभ
जागरण संवाददाता, नारनौल : रक्षा बंधन पर्व पर हरियाणा सरकार द्वारा रोडवेज में 36 घंटे
जागरण संवाददाता, नारनौल : रक्षा बंधन पर्व पर हरियाणा सरकार द्वारा रोडवेज में 36 घंटे मुफ्त बस यात्रा का क्षेत्र में महिलाओं एवं 15 साल से कम आयु के बच्चों ने जमकर लाभ उठाया। प्रात:काल से ही बस स्टैंड सवारियों से भरा पड़ा था और सवारियां बेसब्री से बसों का इंतजार कर रही थी।
बता दें कि इस बार हरियाणा सरकार ने रक्षा बंधन पर पूर्व में एक दिन के लिए दी जाने वाली रोडवेज की फ्री यात्रा को इस बार बढ़ाकर 36 घंटे कर दिया था। शनिवार दोपहर 12 बजे से रविवार मध्य रात्रि 12 बजे तक यह फ्री सेवा लागू रही। इसी के चलते सुबह से ही बस स्टैंड पर सवारियां बड़ी संख्या में पहुंची। वैसे तो फ्री बस सेवा से ज्यादा महिलाओं में रक्षा बंधन का ही उत्साह था। मगर बस स्टैंड पहुंची महिलाओं के सम्मुख अनुपात अनुसार बसें नहीं मिलने की समस्या बनी। इस समस्या पर निजात पाने के लिए रोडवेज बस डिपो की ओर से करीब 140 बसें विभिन्न मार्गो पर चलाई गई हैं, वहीं अनेक बसों के फेरे भी बढ़ाए गए थे। साथ ही एसटीए परमिट, निजी बसें और निजी वाहन भी सवारियों में लगे थे। यही वजह रही कि इधर-उधर दौड़-धूप करने के बावजूद उन्हें साधन मिल गए और वे अपने गंतव्य को पहुंची। रोडवेज की ओर खास बात यह रही कि महिलाओं की संख्या को देखते हुए केंद्रीय विश्वविद्यालय को आने-जाने वाली तीन बसों को हटाकर व्यस्त रूटों पर लगाया गया। इसी प्रकार रात्रि को चंडीगढ़ आने-जाने वाली बसों को दिन में चलाया गया। जानकारी मुताबिक नारनौल बस स्टैंड से करीब 13 लाख रुपये की टिकटें प्रतिदिन बिकती हैं। मुफ्त बस यात्रा के चलते कुछ आíथक गिरावट जरूर दर्ज की गई, मगर सरकार के मंशा को अंजाम तक पहुंचाने के रोडवेज का अतिरिक्त स्पेशल स्टाफ इस काम में लगा रहा।
महिलाओं के साथ-साथ बच्चों ने भी लिया यात्रा का आनंद :
रक्षा बंधन पर हरियाणा सरकार की ओर से महिलाओं को फ्री यात्रा की सुविधा देने के साथ ही 15 साल से कम आयु के बच्चों को भी यह सुविधा प्रदान की गई। इसी के चलते बाल-बच्चे वाली महिलाओं को अपने नन्हें-मुन्नों को साथ लाने-ले-जाने पर अतिरिक्त धन नहीं खर्च करना पड़ा। बाक्स : संख्या के मुताबिक पर्याप्त बसें चलाने की मांग :
रक्षा बंधन पर्व पर सरकार बहनों को भाइयों के यहां आने-जाने के लिए फ्री बस सेवा की घोषणा तो कर देती है, लेकिन हर साल देखने में आता है कि सवारियों की संख्या अनुसार उन्हें समय पर साधन नहीं मिल पाते। ऐसे में महिलाएं सामान उठाए अपने बच्चों के साथ वाहन के लिए इधर-उधर परेशान होती रहती हैं। अनेक वृद्ध एवं अशिक्षित महिलाओं को तो कुछ ज्यादा ही परेशानी होती है। गर्मी के मौसम में यह परेशानी और कई गुणा बढ़ जाती है। लोगों का कहना है कि सरकार को घोषणा के साथ-साथ पुख्ता इंतजाम करने की आवश्यकता है।
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''महिलाओं को बस सुविधा प्रदान करने के हर संभव प्रयास किए गए हैं। बसों के फेरे बढ़ाए गए हैं और केंद्रीय विश्वविद्यालय को जाने वाली बसों को व्यस्त मार्गों पर चलाया गया है। त्योहार पर भीड़ होने से थोड़ी-बहुत तो परेशानी होती ही है।
- जयकिशन, ड्यूटी इंचार्ज, बस डिपो नारनौल।