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वायरल की चपेट में जिला, दस हजार से ज्यादा पीड़ित

जिला वायरल बुखार, खांसी व जुकाम की चपेट में है। आंकड़ों पर गौर करें तो करीब दस हजार लोग इन बीमारियों की चपेट में हैं। कोई ऐसा घर होगा जिसमें वायरल का रोगी नहीं हो। सबसे अधिक बीमार बच्चे हो रहे है। सरकारी व निजी अस्पतालों में हालात यह है कि सुबह से लेकर शाम तक ओपीडी फुल रहती है। नारनौल के नागरिक अस्पताल में इस समय ओपीडी एक हजार के पार पहुंच गई है। इसके साथ शाम के समय आपातकालीन विभाग में भी बुखार के मरीज आते रहते हैं। लोगों में मौसम के अनुरूप हो रही बीमारियों में सबसे अधिक प्लेट्लेटस की कमी हो रही है। इ

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 06:55 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 06:55 PM (IST)
वायरल की चपेट में जिला, दस हजार से ज्यादा पीड़ित
वायरल की चपेट में जिला, दस हजार से ज्यादा पीड़ित

जागरण संवादददाता, नारनौल :

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जिला वायरल बुखार, खांसी व जुकाम की चपेट में है। आंकड़ों पर गौर करें तो करीब दस हजार लोग इन बीमारियों की चपेट में हैं। कोई ही ऐसा घर होगा जिसमें वायरल का रोगी नहीं हो। सबसे अधिक बीमार बच्चे हो रहे हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों में हालात यह है कि सुबह से लेकर शाम तक ओपीडी फुल रहती है। नारनौल के नागरिक अस्पताल में इस समय ओपीडी एक हजार के पार पहुंच गई है। इसके साथ शाम के समय आपातकालीन विभाग में भी बुखार के मरीज आते रहते हैं। लोगों में मौसम के अनुरूप हो रही बीमारियों में सबसे अधिक प्लेटलेट्स की कमी हो रही है। इसके साथ ब्लड इंफेक्शन बढ़ रहा है यानि व्यक्ति के शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है जो कि स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होती।

चिकित्सकों की माने तो वायरल बुखार के साथ-साथ डेंगू बुखार के भी लक्षण मिल रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि मरीज की प्लेटलेट्स कम हो रही है। इतना ही नहीं मरीज में सफेद रक्त कणिकाएं (डब्ल्यूबीसी) बढ़ रही है। चिकित्सकों के अनुसार खून में सफेद रक्त कणिकाओं का स्तर सामान्य से अधिक होने के कारण खून में इंफेक्शन बढ़ जाता जिसके कारण बुखार हो जाता है। अगर समय से उपचार नहीं करवाया जाए तो इंफेक्शन घातक हो जाता है और मरीज की मौत तक हो सकती है। इसके अलावा खांसी, जुकाम के रोगियों की संख्या भी कम नहीं है।

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वायरल बुखार के लक्षण :

- सिर में अधिक दर्द होना

- आंखों में जलन होना

- अधिक सर्दी लगना

- जी मिचलाना

- हल्का बुखार होना

- खांसी

- जुकाम

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बचाव के कारण :

- कभी भी मरीज के कपड़ों व बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करें

- मरीज हमेशा पैरासिटामाल गोली का प्रयोग करें

- मरीज को तेज बुखार होने पर ठंडे पानी की पट्टी रखें।

- अधिक तेज बुखार होने पर खून की जांच करवाएं व चिकित्सक सलाह लें।

- बिना चिकित्सक की सलाह से कोई दवा नहीं लें।

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पक्ष :

वायरल बुखार एक बार होने के बाद चार-पांच दिन तक रहता है। बुखार में तेज सर्दी लगती है व आंखों में जलन होती है। अगर मरीज का जी मिचलाए व आंखों में अधिक जलन होतो तुरंत ही नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर चिकित्सक की सलाह से दवा लें। कभी भी बिना चिकित्सक की सलाह से दवा नहीं लें।

-डॉ. संजय कुमार, मेडिकल आफिसर, नागरिक अस्पताल, नारनौल।


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