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प्रस्तावित बॉटम..जिले में नहरी पानी के लिए 790 लाख रुपये मंजूर

जिलो के विभिन्न नहरों की मरम्मत सहित कई कामों के लिए प्रदेश को दी गई सौगात।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 06:49 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 06:49 PM (IST)
प्रस्तावित बॉटम..जिले में नहरी पानी के लिए 790 लाख रुपये मंजूर
प्रस्तावित बॉटम..जिले में नहरी पानी के लिए 790 लाख रुपये मंजूर

जागरण संवाददाता, नारनौल:

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जिले की विभिन्न नहरों की मरम्मत सहित कई कामों के लिए प्रदेश सरकार ने 790 लाख रुपए मंजूर किए हैं। इसमें बूढ़वाल और दताल माइनर समेत नोलपुर डिस्ट्रीब्यूटरी की मरम्मत कराने का काम भी शामिल है।

पिछले 35-40 सालों से नहरों की टेल पर पानी नहीं पहुंचने के कारण कुछ माइनर बेकार हो गई थी। इसके अलावा कुछ में लेवल दोष के कारण पानी नहीं चल पा रहा था। अब बरसात के मौसम में जब पानी की पूरी उपलब्धता हो तो सभी नहरों में पानी टेल तक ले जाया जा सके ऐसी व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही दोहान, कृष्णावती एवं साहबी नदी के खाली पड़े तल को भी नहर से जोड़ने की योजना बनाई गई है। इसी योजना के तहत नोलपुर डिस्ट्रीब्यूटरी के लिए 548.30 लाख रुपए, बूढवाल माइनर के लिए 179.36 लाख रुपए, दताल माइनर के लिए 62.41 लाख रुपए, बसई डिस्ट्रीब्यूटरी के लिए 538.79 लाख रुपए की स्वीकृति जारी की गई है। इसके अलावा नदियों के रिचार्ज की योजना के तहत डेरोली से महेंद्रगढ़ तक दोहान नदी के रिचार्ज मार्ग के लिए 290.36 लाख रुपए, बदोपुर एवं रामबास के पास दोहान नदी को नहर से जोडऩे के लिए 150.87 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं।

सरकार का मानना है कि इन स्वीकृत योजनाओं के पूरे होने के बाद कृष्णावती एवं दोहान नदियों के माध्यम से नहरी पानी द्वारा जिले में एक स्थाई एवं सु²ढ़ रिचार्च योजना कारगर ढंग से काम करेगी। वर्तमान में नांगल कालिया, तोताहेड़ी, कांवी व को¨जदा आदि स्थानों पर कृष्णावती नदी को नहर से जोड़ा जा चुका है तथा नारनौल से आगे सिलारपुर तक नदी के रास्ते पानी पहुंच रहा है। पहाड़ी क्षेत्र में स्थित छोटे-छोटे बांधों को लगभग 2 करोड़ रुपए की लागत से मरम्मत करवाया गया है। वर्जन:

राजस्थान सीमा पर स्थित नियामतपुर, मौरुंड, गोठड़ी, बूढवाल व रायमलिकपुर गांवों तक बरसात में नहरी पानी ले जाकर वहां जोहड़ों को भरने के अलावा बरसाती पानी का अन्य उपयोग भी संभव होगा। नांगल चौधरी के पहाड़ी क्षेत्र में स्थित लगभग सभी गांवों की भूजल व्यवस्था में सुधार होगा। मई 2015 में ही मुख्यमंत्री से बांधों की मरम्मत के लिए मांग स्वीकृत करवा ली थी।

-डॉ.अभय¨सह यादव, विधायक व चेयरमैन, निगरानी कमेटी, ¨सचाई विभाग


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