हकेंवि की प्रो. नीलम सांगवान डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी समिति की सदस्य नियुक्त
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) महेंद्रगढ़ के बायो-टेक्नोलाजी समिति का सदस्य नीलम सांगवान को बनाया गया है।
संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़ :
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) महेंद्रगढ़ के बायो-केमिस्ट्री विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. नीलम सांगवान को भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी की समिति का सदस्य चुना गया है। यह समिति देशभर में पेड़-पौधों व फसलों की तकनीकी रूप से उन्नत किस्मों के मूल्यांकन और उसके पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का आंकलन करती है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ ने प्रो. नीलम सांगवान को इस जिम्मेदारी के लिए बधाई देते हुए समिति के सदस्य के रूप में पेड़-पौधों व फसलों की उन्नत तकनीक के विकास में योगदान मिलने की उम्मीद जताई। प्रो. सांगवान प्लांट बायो केमिस्ट्री, प्लांट सेकंडरी मेटाबोलिटेस, फंगशनल जीनोमिक्स, मेडिसन एंड एरोमेटिक प्लांट के विषय में विशेषज्ञ हैं।
समिति सदस्य के रूप में प्रो. नीलम सांगवान को देशभर में विभिन्न उद्योगों, संस्थानों, कृषि क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञों द्वारा विकसित उन्नत किस्मों का बायो टेक्नोलॉजी और जेनेटिक इंजीनियरिग के स्तर पर मूल्यांकन करने का अवसर मिला है। देश-विदेश में इस मोर्चे पर लगातार कार्य हो रहा है। आज यह जरूरी भी है कि हम तकनीक की मदद से कृषि क्षेत्र में उपलब्ध चुनौतियों का हल निकालें। प्रो. सांगवान ने बताया कि समिति प्रारंभिक स्तर पर उन्नत किस्मों का मूल्यांकन करती है और फिर यह किस्में उच्चस्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाती है। इस समिति की मंजूरी के बाद ही किसी भी उन्नत किस्म को ट्रॉयल की अनुमति दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि तकनीक व जेनेटिक इंजीनियरिग के साथ इस प्रक्रिया में नई किस्म की उत्पादकता, उसके लिए पानी की आवश्यकता और नई किस्म के पर्यावरणीय प्रभावों का भी बारीकी से मूल्यांकन किया जाता है।