गांवों को नगर परिषद में शामिल करने के खिलाफ दायर की याचिका
नारनौल नगर परिषद में आसपास के गांवों को शामिल करने के विरोध में एक याचिका दायर की गई।
जागरण संवाददाता, नारनौल : नारनौल नगर परिषद में आसपास के गांवों को शामिल करने के विरोध में गांव ढाणी किरारोद अफगान निवासी सतवीर सैनी एडवोकेट द्वारा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सरकार हरियाणा अन्य विभाग के संबंधित अधिकारियों सहित जिला महेंद्रगढ प्रशासन को दो सप्ताह के अंदर शपथ पत्र के रूप में याचिका का जवाब देने के लिए कहा है। याची के अधिवक्ता रोहित मित्तल ने बताया कि हाईकोर्ट में न्यायाधीश राजन गुप्ता व न्यायाधीश विवेकपुरी की अदालत अब इस मामले में अगले महीने 27 अगस्त को सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतवीर सैनी ने बताया कि हरियाणा सरकार ने अभी कुछ समय पहले नारनौल के आसपास के अनेक गांवों व ढाणियों को नारनौल नगर परिषद में शामिल करने की सूचना जारी की है। उनका गांव भी उस सूची में शामिल है। नगर परिषद में शामिल करने के मानदंडों में सरकार ने भारी अनियमितता बरती है। गांवों को नगर परिषद में शामिल करने की प्रक्रिया में राजनैतिक प्रभाव का जमकर इस्तेमाल किया गया है। राजनैतिक हितों के चलते जो गांव नगर परिषद से दूर हैं, उन गांवों को नगर परिषद में शामिल कर दिया गया है लेकिन जो बिल्कुल सटे हुए हैं उनको छोड़ दिया गया है। इसके अलावा इस प्रक्रिया में धारा 243 की अनेदखी करके गांवों को नगर परिषद में शामिल कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि गांवों में 90 प्रतिशत आबादी खेती बाड़ी पर निर्भर है और अनेक लोग मनरेगा के तहत काम करके अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं। यदि इन गांवों को नगर परिषद में शामिल कर लिया गया तो गांव के गरीब लोगों पर अनेक टैक्सों को भार पड़ेगा और गांव में बेरोजगारी का संकट खड़ा हो जाएगा।