साढ़े चार साल में अच्छे दिन नहीं ला पाई भाजपा : दीपेंद्र हुड्डा
भाजपा राज को पूरे साढ़े चार वर्ष बीत चुके है लेकिन जनता के अच्छे दिन आजतक नजर नहीं आए है। भाजपा ने 100 दिन में कालाधन वापस लाने की बात कहीं थी। विदेशी बैंकों में कालाधन दोगुना तक हो गया है। किसान, व्यापारी, कमेरा वर्ग से लेकर आमजन भाजपा से परेशान हो चुका है। शिक्षा, विकास व किसानों की हर पोलिसी पर सरकार साढ़े चार वर्ष बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं कर पाई है। ये बाते रोहतक के सांसद चौधरी दीपेंद्र ¨सह हुड्डा ने कहे वे शुक्रवार को एक निजी फार्म हाउस में कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने से पत्रकारवार्ता में बाते कहीं।
जागरण संवाददाता, नारनौल :
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी साढ़े चार साल में अच्छे दिन नहीं ला सकी है। सौ दिन में कालाधन वापस लाने जैसी बातें केवल जुमला साबित हुई हैं जबकि विदेशी बैंकों में कालाधन दोगुना हो गया है। शिक्षा, विकास व किसानों की हर पॉलिसी पर सरकार साढ़े चार वर्ष बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं कर पाई है। अब लोग विकास को तराजू में तौलने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लेने आए हुड्डा यहां पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भोली-भाली जनता को बरगला कर भाजपा सत्ता में आई यह अब जनता को समझ में आ चुका है। जब किसी पार्टी के कैबिनेट स्तर के मंत्री व सांसद ही विकास से संतुष्ट नहीं हों तो आमजन कैसे संतुष्ट हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा के राज में प्रदेश में बिना भेदभाव के जमकर विकास हुआ। शिक्षा के क्षेत्र में पूरे प्रदेश में 12 सरकारी व 15 गैर सरकारी विश्वविद्यालय खोले गए। इसके विपरीत भाजपा सरकार के राज में एक भी विश्वविद्यालय नहीं खुल पाया है। कांग्रेस ने प्रदेश में 1800 किलोमीटर नेशनल हाइवे बनाते हुए प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया है। इसके विपरीत भाजपा ने कई तरह के टैक्स लगा दिए, बुढ़ापा पेंशन को घटा दिया और गैस सिलेंडर तक की कीमतें बढ़ा दी। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में हर वर्ग दुखी है। किसान फसल बेचने के लिए रो रहा है तो मजदूर को पर्याप्त मजदूरी नहीं मिल रही है।
उन्होंने कहा कि 12 जुलाई को पांचवें चरण की रथयात्रा महेंद्रगढ़ से शुरू होगी। इस मौके पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र ¨सह, मुख्य संसदीय सचिव राव दान ¨सह व अनीता यादव, पूर्व मंत्री सतपाल ¨सह सांगवान आदि भी मौजूद थे।