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चटनी व छाछ पर आ गये लोग

बाजार में प्याज आलू एवं टमाटर के भाव आसमान छू रहे हैं। लोग चटनी व छाछ प्रयोग कर गुजर बसर कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 07:35 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 02:37 AM (IST)
चटनी व छाछ पर आ गये लोग
चटनी व छाछ पर आ गये लोग

संवाद सहयोगी,कनीना: बाजार में प्याज, आलू एवं टमाटर के भाव आसमान छू रहे हैं। लोग चटनी व छाछ प्रयोग कर गुजर बसर कर रहे हैं। प्याज 90 रुपये किलो तो पहाड़ी आलू 80 रुपये किलो, देशी आलू 40 रुपये किलो तो टमाटर 50 रुपये किलो पहुंच चुका है। दीपावली पर प्याज महंगी होने की संभावना है। अब तो किसान प्याज के स्टाक को खाली कर रहे हैं। चूंकि प्याज स्टाक में खराब होने लग गया है। नई प्याज नवंबर में आने की संभावना है। किसान सूबे सिंह,राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार ने बताया कि प्याज को लंबे समय तक स्टोर करना कठिन होता है। अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में देसी प्याज उगाया जाता है, जो कुछ दिनों के बाद सड़ने लग जाता है। विशेषकर जब बारिश में मौसम होता है तो उस समय यह सड़कर बदबू देने लग जाती है, कितु सीकर का प्याज लंबे समय तक चल सकता है। किसान बताते हैं कि इस वक्त प्याज जब खोदी जाती है तो काफी सस्ती होती है। खुदाई के समय प्याज आठ रुपये किलो थी।

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कहने को तो मामूली सी चीज प्याज है, कितु इसने 1998 में दिल्ली सरकार को भी समस्या बना दी थी। ऐसे में प्याज अभी से ही लोगों के आंखों में आंसू ला रही है और आने वाले समय में तो और भी आंसू ला सकती हैं। उधर प्रगतिशील किसान महावीर सिंह करीरा ने बताया कि प्याज का स्टाक लंबे समय तक नहीं चल सकता। अधिकतम दो ढाई महीने तक प्याज को रखा जा सकता है।

भोजन से गायब होने लगा है प्याज

अब ग्रामीण क्षेत्रों के लोग तो प्याज डालकर सब्जी बहुत कम बना रहे हैं, बल्कि चटनी और छाछ जो पुराने समय से प्रयोग करता आया है उसे प्रयोग करने लगा है। जब कभी कोई मेहमान आता है उस समय आलू, प्याज एवं टमाटर की सब्जी बनाई जाती है। इस बार आलू भी बहुत महंगे चल रहे हैं वहीं टमाटर जो एक सौ रुपये किलो भाव था वह 50 रुपये किलो तक पहुंच चुका है। कितु गरीब आदमी की पहुंच से दूर है। किसान राजेंद्र सिंह सूबे सिंह, अजीत कुमार आदि ने बताया कि घरेलू सब्जियां ज्यादा से ज्यादा प्रयोग की जाए तो ज्यादा बेहतर है। ऐसे में कढ़ी,खाटा का साग, दाल आदि प्रयोग करते हैं ताकि वह अपने खेत में खड़ा हुआ पालक, मेथी आदि से ही इस प्रकार की सब्जियां तैयार कर सकें।

क्या कहते हैं बागवानी अधिकारी-

जिला बागवानी अधिकारी डा मनदीप यादव का कहना है कि बारिश के कारण जहां अधिक प्याज उगाने वाले क्षेत्र नासिक व दक्षिण हरियाणा की प्याज भी खराब हो गया था। इस कारण महंगा हो गया है। खरीफ पैदावार प्याज जब बाजार आएगी तो प्याज फिर सस्ती हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार आलू का बीज 30 रुपये किलो बिक रहा है, जो दस रुपये किलो बिकता था।


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