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बिजली बिलों को लेकर किया गया मंथन

जागरण संवाददाता नारनौल बकाया बिजली बिलों का मसला गर्माने लगा है। दैनिक जागरण में 10 नवंबर के अंक में प्रकाशित समाचार सरकारी विभाग भी हैं निगम के डिफाल्टर 75 करोड़ 16 लाख रुपये को लेकर जिला नगर आयुक्त डॉ. जेके आभीर ने नगर परिषद स्थित जिला नगर आयुक्त कार्यालय में नगर परिषद व नगरपालिका के अधिकारियों तथा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधिकारियों की बैठक बुलाई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 07:45 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 07:45 PM (IST)
बिजली बिलों को लेकर किया गया मंथन
बिजली बिलों को लेकर किया गया मंथन

जागरण संवाददाता, नारनौल: बकाया बिजली बिलों का मसला गर्माने लगा है। दैनिक जागरण में 10 नवंबर के अंक में प्रकाशित समाचार सरकारी विभाग भी हैं निगम के डिफाल्टर, 75 करोड़ 16 लाख रुपये को लेकर जिला नगर आयुक्त डॉ. जेके आभीर ने नगर परिषद स्थित जिला नगर आयुक्त कार्यालय में नगर परिषद व नगरपालिका के अधिकारियों तथा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधिकारियों की बैठक बुलाई। उन्होंने शहरी क्षेत्र में लगे स्ट्रीट लाइट के लंबित बिलों के बिजली प्रयोग पर संबंधित निकाय को दिए जाने वाले सरचार्ज आदि विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। दोनों विभागों के बीच स्ट्रीट लाइट के लंबित बिलों के बारे में जानकारी ली ।

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जिला नगर आयुक्त डॉ.जेके आभीर ने जिले की सभी पालिकाओं के तहत आने वाले शहरी उपभोक्ताओं की संख्या की जानकारी संबंधित सचिवों से ली। साथ ही इस संबंध में उन्होंने बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता से शहरी क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों से संबंधित नगर निकाय के बिजली कनेक्शन की जानकारी भी मांगी, ताकि दोनों विभाग अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले उपभोक्ताओं की सूचना का मिलान कर सकें और लंबित बिलों, देय सरचार्ज या अन्य संबंधित मामले सुलझाए जा सकें। इस मौके पर नांगल चौधरी नगरपालिका सचिव ने बताया कि नगरपालिका नांगल चौधरी का गठन वर्ष 2013 में हुआ था, जबकि म्यूनिसिपल टैक्स की राशि डीएचबीवीएन द्वारा माह अप्रैल 2020 से लागू की गई है। इससे नगरपालिका को प्रतिमाह वित्तीय हानि हो रही है। नगरपालिका अटेली को बिजली विभाग से लगभग एक करोड़ से अधिक की रिकवरी मिलनी है, जबकि नगरपालिका महेन्द्रगढ़ की ओर डीएचबीवीएन का एक करोड़ से अधिक का बिल बकाया है।

इस बारे में जिला नगर आयुक्त ने कार्यकारी अभियंताओं को निर्देश दिए कि वह इस बारे में अपना रिकार्ड चेक करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें तथा जो भी त्रुटि हो, उनका समाधान कराकर रिकार्ड ठीक कराया जाए। इसमें सीए बिजली निगम व निकायों की अकाउंट ब्रांच रिकार्ड की छानबीन कर उचित समाधान निकालेगी। बिजली उपभोक्ताओं पर प्रयोग किए गए यूनिट के अनुसार म्यूनिसिपल टैक्स में खामियां दूर करवाएं। उन्होनें बताया कि दोनों विभागों के रिकार्ड का मिलान होने के बाद शीघ्र ही लंबित बिलों की अदायगी बारे मामला सरकार को भेजा जाएगा, ताकि सरकार से बजट लेकर स्ट्रीट लाइट के बिजली बिलों की अदायगी की जा सके। साथ ही संबंधित बिजली अभियंता म्यूनिसिपल टैक्स में लिकेज, पब्लिक वाटर व‌र्क्स कनेक्शन, प्रोविजनल बिलिग, सरचार्ज तथा एमडीआई पैनेलटी, प्राइवेट कनेक्शन, नेगेटिव बैलेंस, मल्टीपल बिल, अन्य उपभोक्ताओं के विभिन्न बिलों का एक खाते में होना, कलेक्शन चार्ज , विलंब से किए भुगतान के सरचार्ज, बिजली कनेक्शन से जुड़े सभी डाटा को महेन्द्रगढ़ जिले के निकायों के साथ साझा करने आदि मुद्दों पर बारीकी से छानबीन कर लें। बिजली निगम के अभियंताओं ने विश्वास दिलाया कि सभी मुद्दों को रिकार्ड अनुसार दुरूस्त किया जाएगा।

इस मौके पर नारनौल डीएचबीवीएन कार्यकारी अभियंता अविनाश यादव, महेन्द्रगढ़ डीएचबीवीएन कार्यकारी अभियंता बुधराम, नगर परिषद लेखा अधिकारी अनिल कुमार, पालिका अभियन्ता सोहन सिंह, सचिव अनिल कुमार, प्रदीप कुमार, कनिष्ठ अभियन्ता रोहित उपस्थित थे ।


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