Move to Jagran APP

पहले नौकरशाह अब बागवानी खेती में बढ़ा रुझान

इंटेलीजेंस के उपनिदेशक पद से सेवानिवृत होने के बाद गांव कांटी के पूर्व अधिकारी रविन्द्र कुमार अब खेती में भी इंटेलीजेंस साबित हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 02:32 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 02:32 PM (IST)
पहले नौकरशाह अब बागवानी खेती में बढ़ा रुझान
पहले नौकरशाह अब बागवानी खेती में बढ़ा रुझान

संवाद सहयोगी, मंडी अटेली: इंटेलीजेंस के उपनिदेशक पद से सेवानिवृत होने के बाद गांव कांटी के पूर्व अधिकारी रविन्द्र कुमार अब खेती में भी इंटेलीजेंस साबित हो रहे हैं। वह बागवानी से अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। उन्होंने 15 एकड़ में आवला, निबू, अमरूद, ऐपल बेर, भील पत्र व किन्नू का बाग लगा रखा है। चार एकड़ में लगा बेरी के बाग से ही किसान साल में तीन लाख की आमदनी लेता है। बेरी के बाग में लगी ड्रीप सिस्टम से पानी की बचत भी किसान कर रहा है। उन्होंने चार एकड़ भूमि में एप्पल बेर की खेती की हुई है। एक पेड़ में 60 किलो के करीब बेर लगते हैं। बेर के बाग से ही किसान तीन लाख की पैदा कर लेता है। बेरी खेती में मजदूरी न के बराबर है। ऐसे में किसानों का बेरी खेती की ओर रुझान बढ़ रहा है। किसान के अनुसार बाग से ही 40 रुपये किलो के हिसाब से बेर बिक जाता है। इसके अलावा किसान ने 7 एकड़ में आंवला की खेती कर रखी है तथा तीन एकड़ भूमि में अनार की खेती कर रखी है तथा एक एकड़ में मिक्स फ्रूट की खेती की हुई है। इसमें अमरूद, लेसवा, निबू व भीलपत्र शामिल हैं। किसान अनार, आंवला की बागवानी में दोहरी खेती ले रहा है। इसमें कुछ भूमि पर गेहूं की आर्गेनिक खेती की हुई है तथा कुछ में सरसों की फसल उगा रखी है। पूर्व अधिकारी अपने घर पर ही देशी खाद तैयार करते हैं। सिचाई के लिए वह ड्रीप सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं। उनका कहना है कि पानी बचाने की भावना से उन्होंने बेरी का बाग लगाया है। इसमें पानी की बहुत कम जरूरत होती है। इंटेलीजेंस से उपनिदेशक के पद से रिटायर्ड होने के बाद रविन्द्र ने 2013 से बागवानी शुरू की थी। उनकी खेती को देखने के बाद अब अन्य किसानों ने भी बागवानी खेती शुरू कर दी है। एप्पल बेर से ही उन्हें चार एकड़ में तीन लाख रुपये तक की पैदा मिल जाती है। इसके साथ ही बागवानी में एक साथ गेहूं व सरसों की फसल भी ले रहे है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए बागवानी विभाग किसान को 85 प्रतिशत अनुदान राशि किसान को देता है। ऐसे में किसान को ना बराबर खर्च उठाना पड़ता है। आंवला के साथ तो सभी फसल आसानी से मिल जाती हैं। बागवानी विभाग के फिल्डमैन विनोद कुमार ने बताया कि बागवानी खेती कर पूर्व अधिकारी रविन्द्र अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं।

prime article banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.