Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Narnaul: 42 दिन से फ्रीजर में रखा शव, उठने लगी दुर्गंध; अंतिम संस्कार के लिए क्यों नहीं मान रहे पिता?

    Updated: Sat, 25 Jan 2025 07:22 PM (IST)

    नारनौल में कनीना के बागौत गांव निवासी मोहित का 42 दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं हो सका। क्योंकि उसके पिता कैलाशचंद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। शव को नागरिक अस्पताल के फ्रीजर में रखा गया है जिससे दुर्गंध उठने लगी है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है। आगे विस्तार पढ़िए पूरी खबर।

    Hero Image
    42 दिन बाद भी मोहित के शव का अंतिम संस्कार नहीं हुआ। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, कनीना (नारनौल)। आत्महत्या करने वाले बागौत गांव के मोहित के शव का 42 दिन बाद भी अंतिम संस्कार नहीं किया गया। यहां के नागरिक अस्पताल में फ्रीजर में रखे मोहित के शव से दुर्गंध उठने लगी है।

    मोहित के पिता कैलाशचंद की मांग है कि उनके बेटे की मौत के जिम्मेदार प्रदेश के पूर्व मंत्री और अन्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर जांच हो तभी वह अंतिम संस्कार करेंगे। यह मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में भी गया था। कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव से घटना की जांच आईपीएस अधिकारी से कराने और युवक के पिता को तीन दिन के अंदर अंतिम संस्कार कराने के निर्देश दिए थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ

    हाईकोर्ट ने वादी कैलाशचंद की अर्जी पर सुनवाई करते हुए तीन दिन में मृतक का दाह संस्कार करने के आदेश दिए थे, जिसकी समय सीमा 19 जनवरी को समाप्त हो गई। 20 जनवरी को एसडीएम जितेंद्र सिंह अहलावत एवं डीएसपी दिनेश कुमार इस मामले सहित हरियाणा मानव अधिकार आयोग (एचएचआरसी) में दी गई दरखास्त पर जवाबी एप्लीकेशन दाखिल की। जिस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ।

    हाईकोर्ट के आदेश आने की ओर टकटकी लगाए बैठे

    अब दोनों पक्ष हाईकोर्ट के आदेश आने की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। मोहित ने 13 दिसंबर की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मोहित इस दिन किसी बर्थडे पार्टी से आया था। कनीना सदर थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे उपनागरिक अस्पताल कनीना में भिजवाकर शनिवार 14 दिसंबर 2024 को उसका पोस्टमार्टम करवा दिया था।

    झूठा फंसाने से परेशान होकर मोहित ने दी जान 

    मृतक युवक के पिता ने प्रदेश के पूर्व मंत्री सहित आठ व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर शव लेने से मना किया था। आरोप हैं कि पूर्व मंत्री और अन्य आरोपितों द्वारा एक मामले में झूठा फंसाने से परेशान होकर मोहित ने जान दी है।

    यह भी पढ़ें- Delhi Election: इस चर्चित सीट पर कैसे बदले राजनीतिक समीकरण? पलायन ने ऐसे बिगाड़ा 'खेल'; ये हैं प्रमुख मुद्दे

    पुलिस प्रशासन ने इस संबंध में साक्ष्य उपलब्ध करवाने को कहा। जिन्हें वे पेश नहीं कर सके। जिससे पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। 

    एचएचआरसी में आगामी तीन फरवरी को होगी सुनवाई

    15 जनवरी को कनीना खंड के गांव पडतल के सरपंच रोशनलाल इंदौरा अधिवक्ता पदमकांत के माध्यम से जनहित याचिका एचएचआरसी में दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि पिछले एक माह से मोहित का शव कनीना अस्पताल के मोर्चरी में रखा हुआ है, जिससे बीमारी फैल सकती है।

    यह भी पढ़ें- 'BJP का एक और जुमला पत्र जारी, 2.5 करोड़ लोगों में सिर्फ 50 हजार को नौकरी का वादा', सिसोदिया ने उठाए सवाल

    आयोग की ओर से 20 जनवरी को जारी हुआ था नोटिस 

    आयोग की ओर से 20 जनवरी को नोटिस जारी कर प्रशासनिक अधिकारियों को तलब किया गया था। जिसमें एसडीएम जितेंद्र सिंह अहलावत व डीएसपी दिनेश कुमार उपस्थित हुए ओर अपना जवाबदावा दाखिल किया था। उनकी ओर से आगामी तीन फरवरी को पुनः सुनवाई निश्चित की है।

    प्रशासन ने पूरी कोशिश कर ली पर युवक का पिता शव लेने के लिए तैयार नहीं है। जिला की एसपी जो खुद आईपीएस हैं वह जाकर शिकायत लेकर आई, जांच भी जा रही है। हाईकोर्ट को अवगत भी करा दिया गया है। - जितेंद्र सिंह अहलावत एसडीएम

    मेरे बेटे की मौत के जो भी लोग कारण बने हैं उनके विरुद्ध एफआईआर हो। इसी मांग को लेकर हाईकोर्ट में अर्जी दी। कोर्ट ने निर्देश भी दिया था लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया। अब अदालत ही निर्णय लेगी। - कैलाशचंद, पिता