संवाद सहयोगी, मंडी अटेली: साइबर अपराधी नए-नए तरीकों से लोगों के खातों से राशि निकालकर भारी चूना लगा रहे हैं। हाल ही में जमाबंदी की साइट से साइबर अपराधियों द्वारा डाटा चोरी कर बैंक खातों से राशि उड़ाई जा रही है। पीड़ित पुलिस के चक्कर काट रहे हैं। साइबर अपराध की शिकायत अटेली वसीका, नवीस व अधिवक्ताओं ने तहसीलदार से कर इस पर रोक लगाने की मांग की है।
तहसीलदार को दी शिकायत में बताया कि तहसील कार्यालय में आम जन द्वारा वसीका रजिस्टर्ड करवाते समय वसीका पर आधार नंबर अंकित करवाया जाता है। तहसील कार्यालय में वसीका के संबंधित पक्षकार अपना अंगूठा वसीका पर लगाते हैं, जबकि वसीका पर आधार नंबर अंकित करने बारे सरकार की कोई हिदायत नहीं है। उक्त वसीका हरियाणा सरकार की साइट पर कार्यालय द्वारा अपलोड कर दी जाती है। वसीका से संबंधित पक्षकार गण के अंगूठे तथा आधार भी होते है। उक्त साइट पर कोई भी व्यक्ति रजिस्ट्रड डीड के आप्शन में जाकर किसी भी वसीका से देख सकता जिस पर संबंधित पक्षकार के अंगूठे तथा आधार नंबर अंकित होते हैं। इस साइट से साइबर अपराधी डाटा चोरी करके वसीका से संबंधित पक्षकारों के बैंक खाता से रकम निकाली जा रही है। पक्ष कार गण द्वारा बैंक से राशि चोरी होने के बारे में बार-बार कार्यालय को अवगत करवाया जा चुका है।
वसीका पर आधार नंबर अंकित करने बारे में सरकार की हिदायत है तो उसकी प्रति वसीका लिखने वाले को लिखित में दी जाए या नोटिस बोर्ड पर इस हिदायत बारे में आम जन को सूचित किया जाए। उन्होंने मांग की पक्ष कार गण के आधार नंबर अंकित करने की बजाय सिर्फ आधार की कापी लेकर वसीका के साथ पेस्ट की जाए ताकी रकम चोरी होने से पक्ष कार बच सके। तहसीलदार राजेश सेनी का कहना है कि उपरोक्त समस्या को गंभीरता से लेते हुए उनकी शिकायत को जिला उपायुक्त कार्यालय में भिजवा दी है। सभी बैंकों को अवगत करवाया गया कि आधार नंबर के आधार पर कोई भी ट्रांजेक्शन या बिना ओटीपी के न किया जाए। उपरोक्त शिकायत पुलिस को भेजी गई है। उन्होंने बताया कि एसबीआइ के बैंक प्रबंधक यहां आए थे। इस प्रकार कागज पर लगा अंगूठा स्केन नहीं हो सकता है। यह केवल बायोमीट्रिक मशीन से संभव है। यह अपराध तहसील से न होकर अन्य स्थान से हो रहे है। पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक मनोज कुमार ने बताया कि उपभोक्ता अपना ओटीपी किसी को न दे।