हरियाणा में एसपी को फंसाने की साजिश हुई बेपर्दा, खुद के बुने जाल में फंसे दो पुलिस वाले
महेंद्रगढ़ जिला पुलिस कप्तान चंद्रमोहन की पहली नियुक्ति में बदनामी और वर्तमान में उन्हें आत्महत्या के मामले में फंसाने की साजिश बेपर्दा हो गई है। इस मामले में जाल बुनने वाले ही फंस गए हैं। आरोपितों में एक एएसआई और दूसरा पुलिस कप्तान का पूर्व प्रवक्ता शामिल थे।
नारनौल, जागरण संवाददाता। महेंद्रगढ़ जिला पुलिस कप्तान चंद्रमोहन की पहली नियुक्ति में बदनामी और वर्तमान में उन्हें आत्महत्या के मामले में फंसाने की साजिश बेपर्दा हो गई है। इस मामले में जाल बुनने वाले ही फंस गए हैं। आरोपितों में एक एएसआई और दूसरा पुलिस कप्तान का पूर्व प्रवक्ता शामिल थे। दोनों के खिलाफ शहर पुलिस थाने में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एसपी को फंसाने की योजना पिछले तीन महीने से चल रही थी। पुलिस कप्तान द्वारा निलंबित किए गए एक हवलदार को मोहरा बनाया जा रहा था।
इस संबंध में निलंबित हवलदार प्रदीप कुमार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। प्रदीप कुमार ने बताया कि 13 अप्रैल को उसे निलंबित कर दिया गया था। इस पर पूर्व प्रवक्ता हवलदार विकास व एएसआई योगेश ने उसे भड़काया कि पुलिस कप्तान उसे बर्खास्त करने की तैयारी कर रहे हैं। साहब तेरे से नाराज हैं। इस बात पर प्रदीप मानसिक रूप से परेशान हो गया। इस पर दोनों ने सलाह दी कि वह सुसाइड नोट देकर पांच-छह दिन के लिए गायब हो जा। दोनों ने उसे सुसाइड नोट लिखकर दे दिया और कहा कि तुम शराब पीकर रेलवे स्टेशन पर गाड़ी खडी करके गायब हो जाना। सुसाइड नोट की एक कापी घर पर तथा एक कापी गाड़ी में छोड़ देना । यह सुसाइड नोट तेरे घर वालों को मिलेगा तो एसपी साहब के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाएगा तथा शहर में हंगामा हो जाएगा। इससे एसपी की बदली भी हो सकती है।
विकास ने कहा कि तू(प्रदीप) टेंशन ना ले । मैं इस एसपी का ईलाज करूंगा। पांच-छह दिन बाद मुझे मैसेज कर देना। मैं तुझे जहां हो, वहां लेने आ जाउंगा। जयपुर-दिल्ली कहीं भी। वहां की पुलिस को गंदे कपड़ों व बुरी हालात में मिलना। वे नारनौल पुलिस को सूचना दे देंगे। फिर एसपी डर जाएगा। तेरी सारी डिपाटमेंटल जांच ठीक कर देगा और तेरी दो महीने की छुट्टी पास करा दूंगा। एसपी को कह के कि यह आत्महत्या कर सकता है।
प्रदीप सुसाइड नोट लेकर घर आ गया । अगले दिन उसके पिता को सुसाइड नोट मिल गया। उन्होंने उसे समझाया ऐसा काम नहीं करते। तू मेरा एक ही लड़का है। डर मत मैं एसपी से मिलूंगा। प्रदीप ने अपने पापा को सारी बात बताई तो उन्होंने कहा कि ये तेरे दोस्त नहीं, दुश्मन हैं। तेरा नुकसान करवाकर छोड़ेंगे और अपना फायदा उठा रहे हैं। सब ठीक हो जाएगा । 19 अप्रैल को विकास के मोबाइल से मेरे फोन पर व्हाट्सएप काल आई कि तुम गिनती के बाद कालेज ग्राउंड में मिलना। तूने वो काम नहीं किया। फिर मैं घबरा गया। मैने घर वालों से बात की तो घर वालों ने कहा कि तू इनके चक्कर में मत पड़ तू सीधा घर आ जा। विकास ने दोबारा फोन किया तो प्रदीप कालेज ग्राउंड में पहुंच गया और अपने मोबाइल से रिकार्डिंग शुरू कर दी। दोनों आरोपितों ने कहा कि डर गया क्या। कुछ करेगा या नहीं। ये तमाम बातें मोबाइल में रिकार्ड हो गई। प्रदीप ने यह भी खुलासा किया कि पुलिस कप्तान चंद्रमोहन ने 2019 में जिले में कार्यभार संभाला था तो उनके खिलाफ गुमनाम चिट्ठी हवलदार विकास द्वारा डाली गई थी।
प्रदीप की शिकायत पर शहर पुलिस थाने में 25 जून को धारा 116/306,153,193 आईपीसी 54 आफ हरियाणा पुलिस एक्ट 2008 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने शिकायतकर्ता के मोबाईल फोन को डाइटिक लैब गुरूग्राम में जमा कराया गया है।इस बारे में शहर थाना प्रभारी ने कहा कि इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। आरोपितों की गिरफ्तारी अभी नहीं हो सकी है।