Crime News: जवाहरलाल नेहरू नहर में रस्सियों से बंधे बाप-बेटे के मिले शव, मां-बेटी को तलाशने में जुटे गोताखोर
35 वर्षीय संदीप अपने परिवार के साथ बुधवार रात तिलकब्रिज(दिल्ली) से रेलगाड़ी के जरिये महेंद्रगढ़ आया था। महेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन से एक स्कूटी पर सवार होकर अपने गांव की ओर रवाना हुए थे। जवाहरलाल नेहरू नहर खेड़ा और महेंद्रगढ़ के पास ही स्थित है।
महेंद्रगढ़, जागरण संवाददाता। बृहस्पतिवार की सुबह नजदीकी गांव खेड़ा निवासी एक व्यक्ति और उसके पांच साल के बेटे के शव जवाहरलाल नेहरू नहर में रस्सियों से बंधे हुए मिले हैं। गोताखोरों ने दोनों के शव नहर से बाहर निकाल लिए गए हैं। मृतक की पत्नी और दो साल की बेटी की तलाश चल रही है। नहर के पास उनकी स्कूटी भी खड़ी है और सुसाइड नोट भी मिल गया है। सुसाइड नोट में मृतक ने अपनी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है।
जानकारी के मुताबिक खेड़ा गांव निवासी 35 वर्षीय संदीप अपने परिवार के साथ बुधवार रात तिलकब्रिज(दिल्ली) से रेलगाड़ी के जरिये महेंद्रगढ़ आया था। महेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन से एक स्कूटी पर सवार होकर अपने गांव की ओर रवाना हुए थे। जवाहरलाल नेहरू नहर खेड़ा और महेंद्रगढ़ के पास ही स्थित है।
बृहस्पतिवार सुबह संदीप और उसके पांच साल के बेटे देवांशु का शव नहर में तैरते देखा तो गांव वालों ने उन्हें निकाल लिया। संदीप की पत्नी 30 वर्षीय दीपा और दो साल की बेटी वंशिका को खोजने के लिए गोताखोर बुलाए गए हैं। समाचार लिखे जाने तक दोनों के शव नहीं मिले हैं।
संदीप महेंद्रगढ़ में सीएचसी सेंटर चलाता था। उसने परिवार के साथ आत्महत्या क्यों की है। इस सवाल का कोई जवाब नहीं है। दोनों बाप-बेटे को रस्सियों से किसने बांधा। आत्महत्या है या हत्या, इन सवालों का जवाब तो जांच के बाद ही मिल सकेगा। फिलहाल इस घटना को लेकर महेंद्रगढ़ में सनसनी फैल गई है। वह दिल्ली क्यों गया था और रात साढ़े दस बजे के बाद उनके साथ क्या घटना घटित हुई है। इन तमाम सवालों के जवाब खोजने के लिए पुलिस जुट गई है।