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साढ़े सात किलोमीटर दुर्गम क्षेत्र में विपरित दिशा की ओर पहुंचा नहर का पानी, विधायक का प्रयास लाया रंग

राजस्थान सीमा से सटे रेतिले व दुर्गम क्षेत्र में इतिहास में पहली बार साढ़े सात किलोमीटर विपरित दिशा में पानी न केवल पहुंच गया है बल्कि झील की तरह लबालब भर गया है। दोहान नदी को पुनर्जीवित करने के नांगल चौधरी के विधायक के भागीरथी प्रयास रंग लाए हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 04:29 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 04:29 PM (IST)
साढ़े सात किलोमीटर दुर्गम क्षेत्र में विपरित दिशा की ओर पहुंचा नहर का पानी, विधायक का प्रयास लाया रंग
साढ़े सात किलोमीटर विपरित दिशा में रेतिले टिल्लों में पहुंचा नहरी पानी

नारनौल [बलवान शर्मा]। राजस्थान सीमा से सटे रेतिले व दुर्गम क्षेत्र में इतिहास में पहली बार साढ़े सात किलोमीटर विपरित दिशा में पानी न केवल पहुंच गया है, बल्कि झील की तरह लबालब भर गया है। दोहान नदी को पुनर्जीवित करने के नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव के भागीरथी प्रयास रंग लाए हैं। कहते हैं कि उल्टी गंगा पहाड़ पर नहीं चढ़ती है पर होसले से काम लिया जाए तो यह भी संभव हो जाता है। ऐसा ही कुछ संभव हो सका है राजस्थान सीमा के गांवों में।

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असल में दोहान नदी दक्षिण से उतर दिशा को ओर बहती रही है पर वर्तमान में इस नदी में उतर से दक्षिण की ओर पानी बह रहा है, वह भी साढ़े सात किलोमीटर दूर ऊंचे रेतिले टिल्लों के बीच होते हुए बदोपुर गांव के खेतों में तालाब व झील जैसे दृश्य बने हुए हैं।

नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव ने जिले की मीडिया को राजस्थान की सीमा के अंदर तक पहुंचाए गए पानी की ग्राउंड रियलिटी चैक करवाई। इस नदी में कई दशकों से पानी नहीं आया था और इस वजह से रेत व मिट्टी से अटी हुई है। कुछ जगह खनन करने से हुई खोदाई का अब फायदा हुआ है।

विधायक ने सिंचाई, सोयल कंजर्वेशन विभाग व निजी कंपनियों के सीएसआर फंड का बेहतरीन सदुपयोग किया। उन्होंने हमीदपुर बांध से आगे बदोपुर गांव के खेतों में स्थित दोहान नदी तक खोदाई का कार्य करवाया। बांध में पानी भरने के बाद छोटी नहर से होते हुए पानी करीब साढ़े सात किलोमीटर दूरी विपरित दिशा में तय कर रहा है।

पिछले एक माह से लगातार इस नहर में पानी चल रहा है।इसका फायदा यह हुआ है कि इसके आस-पास के खेतों के ट्यूबवेलों में भूमिगत जलस्तर ऊपर उठ गया है। बंद पड़े सैकड़ों ट्यूबवेल दोबारा से चलने लगे हैं। किसान भी अपने इस एरिया में पहली बार पानी देखकर बाग-बाग नजर आ रहे हैं और खुशी से नहीं शमा रहे हैं।

हरियाणा व राजस्थान के 15 से अधिक गांवों के भूमिगत जलस्तर में होगा फायदा

बदोपुर की खानों में पानी पहुंचने से गांव बदोपुर, भाखरी, खटोटी कलां व खुर्द, रघुनाथपुरा, ढोसी कुलताजपुर, कोरियावास सहित एक दर्जन से अधिक गांव नांगल चौधरी हलके के हैं, जिनमें भूमिगत जलस्तर में सुधार होगा। इनके अलावा राजस्थान के गांव शिमला व मुकुंदपुरा सहित करीब आधा दर्जन गांवों में इस पानी के पहुंचने से फायदा होगा।


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