मधुमक्खी पालन से आय के साथ बढ़ता है कृषि उत्पादन : जयलाल
कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ द्वारा सोमवार को विश्व मधुमक्खी पालन दिवस पर गांव देवास में कार्यक्रम आयोजित कर मधुमक्खी पालन के लिए प्रेरित किया। केंद्र के वरिष्ठ कीट वैज्ञानिक डॉ. जयलाल यादव ने उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि मधुमक्खी प्रकृति में उत्पादकता व स्मृद्धि बढ़ाने का प्राकृतिक तरीका है। कृषि में मधुमक्खी पालन बहुत अधिक महत्त्व है। इस व्यवसाय को अपनाने से एक ओर जहां अतिरिक्त आय किसानों को मिलती है वहीं कृषि में भी उत्पादकता बढ़ती है।
जागरण संवाददाता, महेंद्रगढ़ : कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ द्वारा सोमवार को विश्व मधुमक्खी पालन दिवस पर गांव देवास में कार्यक्रम आयोजित कर मधुमक्खी पालन के लिए प्रेरित किया गया। केंद्र के वरिष्ठ कीट वैज्ञानिक डॉ. जयलाल यादव ने उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि मधुमक्खी प्रकृति में उत्पादकता व समृद्धि बढ़ाने का प्राकृतिक तरीका है। कृषि में मधुमक्खी पालन का बहुत अधिक महत्व है। इस व्यवसाय को अपनाने से एक ओर जहां अतिरिक्त आय किसानों को मिलती है वहीं कृषि में भी उत्पादकता बढ़ती है।
डॉ. जयलाल ने कहा कि मधुमक्खियां फूलों और पौधों के बीच पराग को स्थानांतरित करती है। मधुमक्खी पालन के लिए अधिक जमीन की भी आवश्यकता नहीं होती। किसान अपनी परंपरागत खेती के साथ मधुमक्खी पालन कर सकते हैं। उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों एवं किसानों को मधुमक्खी पालन से जुड़े उपकरणों, बीमारियों व कीटों की पहचान व रोकथाम के बारे में विस्तार से अवगत कराया।
गृह विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. पूमन ने शहर के पोषकमान व शहद से बनने वाले विभिन्न उत्पादों के बारे में बताया। साथ ही उनसे जुड़े सैद्धांतिक व प्रायोगिक जानकारी भी दी। मृदा वैज्ञानिक डॉ. राजपाल यादव ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी देते हुए मिट्टी पानी के नमूने लेने की विधि समझाई। प्रशिक्षण सहायक आशीष यादव व संजय यादव ने भी किसानों को जानकारी दी।