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विश्व के नारद आदर्श पत्रकार थे: दवे

भारत में पत्रकारिता को धर्म तथा लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2020 06:42 PM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 06:42 PM (IST)
विश्व के नारद आदर्श पत्रकार थे: दवे
विश्व के नारद आदर्श पत्रकार थे: दवे

जागरण संवाददाता, नारनौल: भारत में पत्रकारिता को धर्म तथा लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। विश्व को नारद जैसा आदर्श पत्रकार देने का श्रेय भी भारत को प्राप्त है। यह कहना है मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी, भोपाल के निदेशक डा. विकास दवे का। मनुमुक्त ''मानव'' मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा ''वैश्विक परि²श्य में हिदी-पत्रकारिता'' विषय पर आयोजित ''वर्चुअल अंतरराष्ट्रीय विचार-गोष्ठी'' में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से भारतीय पत्रकारिता की शुचिता और मर्यादा कम हुई है। तथ्य में कथ्य का और न्यूज में व्यूज का घालमेल होने लगा है। इसके बावजूद वैश्विक प्ररि²श्य में हिदी-पत्रकारिता नए आयाम स्थापित कर रही है। इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा लखनऊ (उत्तर प्रदेश) निवासी वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार के विक्रम राव ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि भारत में अंग्रेजी समाचार-पत्रों के वर्चस्व के बावजूद हिदी पत्र-पत्रिकाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने हिदी-समाचार पत्रों की भाषा और वर्तनी के परिष्कार पर भी बल दिया। इससे पूर्व विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (मध्य प्रदेश) के कुलानुशासक तथा सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं शिक्षाविद् डा. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने विषय-परिवर्तन करते हुए कहा कि पत्रकार को तटस्थ और पत्रकारिता को निष्पक्ष होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सनसनी फैलाना पत्रकारिता नहीं है, बल्कि पत्रकारिता के माध्यम से राष्ट्रीय अस्मिता, सांस्कृतिक चेतना तथा जीवन-मूल्यों की अभिव्यक्ति होनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि तथा हरियाणा कला परिषद, गुरुग्राम के निदेशक महेश जोशी ने भी अपने संदेश में पत्रकारिता पर हावी होती व्यावसायिकता पर चिता जताते हुए कहा कि रचनात्मक पत्रकारिता के लिए समाचारों और विज्ञापनों में संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

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अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, नारनौल (हरि) के अध्यक्ष डा. जितेंद्र भारद्वाज द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना-गीत के उपरांत चीफ ट्रस्टी डा. रामनिवास ''मानव'' के प्रेरक सान्निध्य तथा पंकज गौड़ के कुशल संचालन में संपन्न हुई इस महत्वपूर्ण विचार-गोष्ठी में प्रख्यात प्रवासी कथाकार तथा लंदन (ब्रिटेन) की पत्रिका ''पुरवाई'' के संपादक तेजेंद्र शर्मा, आकलैंड (न्यूजीलैंड) की ई-पत्रिका ''भारत-दर्शन'' के संपादक रोहित कुमार हैप्पी, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना (बिहार) में हिदी-विभाग के अध्यक्ष तथा ''नई धारा'' पत्रिका के संपादक डॉ शिव नारायण और स्वभोस एवं स्वाकम इनकॉर्पोरेशन, सैन डियागो (अमरीका) की पूर्व अध्यक्ष डा. कमला सिंह ने विशिष्ट अतिथि वक्ता के रूप में वैश्विक पत्रकारिता के स्वरूप और स्थिति तथा उसकी भूमिका और महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑनलाइन होने के कारण हिदी-पत्रकारिता अब वैश्विक हो गई है, लेकिन अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए उसे गलाकाट प्रतियोगिता और गला फाड़ प्रदर्शन से बचना होगा। इस अवसर पर डा. पंकज गौड़ ने वरिष्ठ कवि डा. रामनिवास ''मानव'' द्वारा लिखित पत्रकारिता-संबंधी दोहों का सस्वर पाठ किया। कार्यक्रम के अंत में ट्रस्ट की अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम-प्रभारी दिल्ली निवासी उर्वशी अग्रवाल ''उर्वी'' ने, गोष्ठी में हुए विचार-विमर्श का समाहार प्रस्तुत करते हुए, धन्यवाद ज्ञापित किया।


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