बकायेदारों से वसूली के लिए सी¨लग अभियान चलाएगी नप
के लिए नगर परिषद प्रधान का पारा गर्म नजर आता है। बकायेदारों की वसूली में ढिलाई को लेकर वह नाराजगी जता चुकी हैं। इस पर नप अधिकारियों ने उन्हें बकायेदारों को नोटिस जारी करने तथा नोटिस की उल्लंघना करने वालों के यहां सी¨लग करने के कड़े आदेश दिए हैं। नगर परिषद के लिए हाउस टैक्स एवं प्रापर्टी टैक्स इनकम का भले ही बड़ा स्त्रोत माने जाते रहे हैं, लेकिन नगर परिषद द्वारा गत वर्षो से हाउस टैक्स एवं प्रापर्टी टैक्स बकायेदारों से वसूली पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जा रहा था। यही कारण है कि नगर परिषद का इन बकायेदारों की तरफ करीब 10 करोड़ रुपये बकाया चढ़ चुका है।
जागरण संवाददाता, नारनौल : हाउस टैक्स एवं प्रापर्टी टैक्स के बकायेदारों की वजह से नगर परिषद का खजाना खाली हो रहा है। बकायेदारों की तरफ करीब 10 करोड़ रुपये बकाया है। इसी बकाया राशि की वसूली के लिए नगर परिषद प्रधान का पारा गर्म नजर आता है। बकायेदारों की वसूली में ढिलाई को लेकर वह नाराजगी जता चुकी हैं। इस पर नप अधिकारियों ने उन्हें बकायेदारों को नोटिस जारी करने तथा नोटिस की उल्लंघना करने वालों के यहां सी¨लग करने के कड़े आदेश दिए हैं।
नगर परिषद के लिए हाउस टैक्स एवं प्रापर्टी टैक्स इनकम का भले ही बड़ा स्त्रोत माने जाते रहे हैं, लेकिन नगर परिषद द्वारा गत वर्षो से हाउस टैक्स एवं प्रापर्टी टैक्स बकायेदारों से वसूली पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जा रहा था। यही कारण है कि नगर परिषद का इन बकायेदारों की तरफ करीब 10 करोड़ रुपये बकाया चढ़ चुका है। जबकि इस राशि को शहर के विकास कार्यो के साथ-साथ नप कर्मचारियों की सेलरी एवं सफाई उपकरणों की खरीद-फरोख्त पर खर्च किया जाना था, लेकिन इस बड़ी रकम की वजह से ये सब कार्य प्रभावित हो रहे हैं और ऐसी हालत में नगर परिषद को सरकार के खजाने की तरफ कटोरा लेकर खड़ा रहना पड़ रहा है। वैसे तो हर साल ही बकायेदारों की तरफ वित्त वर्ष के समापन मार्च मास से पहले ऑडिट की जाती है, लेकिन यहां बैठे कर्मचारी एवं अधिकारी बकायेदारों की तरफ कोई कड़ा संज्ञान नहीं लेते रहे हैं। इसी के चलते जब गत दिनों नगर परिषद के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की परिषद की चेयरपर्सन भारती सैनी ने मी¨टग ली तो टैक्स की उक्त बकाया राशि को लेकर नाराज हो गई। उन्होंने नगर परिषद के एक-एक कार्य योजना की समीक्षा की तथा बकायेदारों से वसूली के लिए स्पेशल टीम गठित करने का निर्णय लिया। ऐसी सात टीमों का चयन नगर परिषद द्वारा किया गया है, जो विभिन्न क्षेत्रों में निगरानी रखकर काम करेगी।
सरकारी कार्यालय बने हैं बड़ी बाधा :
नगर परिषद के खजाने को भरने में सबसे बड़ी बाधा सरकारी कार्यालय बने हुए हैं। नगर परिषद निजी भवनों की तरह ही सरकारी कार्यालयों से भी हाउस टैक्स एवं प्रापर्टी टैक्स वसूल करती है। नारनौल में चल रहे सरकारी कार्यालयों की तरफ करीब 3 करोड़ रुपये बकाया हो चुके हैं, लेकिन अब तक महज खानापूर्ति की जाती रही है। जिस कारण यह राशि बढ़ती ही जा रही है।
सी¨लग का नप नहीं दिखाती साहस :
नगर परिषद को बकायेदारों की प्रापर्टी को निर्धारित समयावधि गुजरने के बाद सील करने की पावर मिली हुई है, लेकिन नारनौल में इस पावर को अब तक इस्तेमाल नहीं किया गया है। हालांकि कुछ मामले कोर्ट में भी चले गए हैं, लेकिन ऐसा कठोर कदम नप द्वारा उठाने का साहस अब तक नहीं दिखाया गया है। अब करीब 10 करोड़ रुपये को बकायेदारों से वसूली के लिए नप ने थोड़ी गंभीरता जरूर दिखाई है, लेकिन इसकी हकीकत आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगी। नगर परिषद के बड़े बकायेदार :
सरकारी कार्यालय : 3 करोड़
होटल : 20 लाख रुपये
अस्पताल : 12 लाख रुपये
मैरिज पैलेस : 10 लाख रुपये
हाउस टैक्स : 10 लाख रुपये
नप दुकानों का बकाया किराया : 25 लाख
--------
''शहरवासियों का फर्ज बनता है कि वे समय-समय पर हाउस एवं प्रापर्टी टैक्स अदा करते रहे, जिससे विकास प्रभावित न हो। मगर अब राशि बढ़ चुकी है और नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस का जवाब असंतोषजनक मिलने पर सी¨लग अभियान चलाया जाएगा।
- भारती सैनी, चेयरपर्सन, नगर परिषद, नारनौल।